बुलंदशहर : एक ही संस्था ने सभी टीबी मरीजों को गोद लिया
बुलंदशहर में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह MOU जिलाधिकारी की अध्यक्षता और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की उपस्थिति में नरोरा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निदेशक और जिला क्षय रोग अधिकारी, बुलंदशहर के बीच संपन्न हुआ।
इस समझौते के अनुसार, वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे सभी मरीजों को एक ही संस्था द्वारा गोद लिया जाएगा। उन्हें नियमित रूप से पोषण किट उपलब्ध कराई जाएंगी। डीएम श्रुति के प्रयासों से बुलंदशहर प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है। जहां एक ही संस्था ने सभी टीबी रोगियों को गोद लेकर पोषण सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
सरकार पहले से ही क्षय रोग की जांच और दवाएं निःशुल्क उपलब्ध करा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कम प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों में टीबी होने की संभावना अधिक होती है, और बीमारी होने के बाद प्रतिरोधक क्षमता और भी कमजोर हो जाती है। ऐसे में पोषण किट और नियमित दवाएं मरीजों को पूर्णतः स्वस्थ होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।जिलाधिकारी ने स्वयं पांच टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट प्रदान की।
वर्तमान में बुलंदशहर जिले में 7953 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है। जनपद में 34 टीबी जांच केंद्र और 20 उपचार इकाइयाँ कार्यरत हैं, जहां जांच और इलाज दोनों निःशुल्क उपलब्ध हैं। टीबी की जांच के लिए जिले में 3 सीबीएनएएटी (CBNAAT) और 12 एनएएटी (NAAT) मशीनें मौजूद हैं, जिनकी मदद से एमडीआर (MDR) टीबी की जांच भी निःशुल्क की जाती है।
फेफड़ों से संबंधित टीबी के संपर्क में आने वाले परिवारजन और अन्य लोगों को भी अपनी नियमित जांच करानी चाहिए। जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि यदि किसी को दो हफ्ते से अधिक खांसी, बलगम, बुखार, रात में पसीना आना, भूख कम लगना, वजन घटने, छाती में दर्द या खांसते समय खून आने जैसे लक्षण हों, तो वे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जांच अवश्य कराएं।

