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बुलंदशहर डीएम से बोलीं- 8 बहन सारे कागजात हैं, जबरन तोड़ दिया बुलडोजर से मकान

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मां-बाप की पहले ही मौत हो गई थी। अब जिस घर में बचपन से रहते थे। उसे भी बिना नोटिस दिए गिरा दिया। यही नहीं, जिस चाय की दुकान से घर चलता था, उसे भी ढहा दिया।

अब हम लोग सड़क पर आ गए हैं। जबकि घर के सारे कागजात हम लोगों के पास हैं। ईओ ने जानबूझ कर कार्रवाई की। हम 10 भाई-बहन हैं, अब कहां जाएंगे। कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

ये दर्द है 8 बहनों का है, जिनका 5 दिसंबर को घर और दुकान बुलडोजर से ढहा दिया गया। तब से बहनें भटक रही हैं। रविवार को डीएम ऑफिस पहुंचीं और न्याय की गुहार लगाई।

डीएम ने टीम गठित कर जांच करवाने की बात कही है। वहीं, ईओ सेवाराम राजभर का कहना है कि आरोप गलत है, दो बार नोटिस जारी किया गया था।

इरम अपने 10 भाई बहनों के साथ औरंगाबाद कस्बे में रहती थीं। मां-बाप की 8 साल पहले मौत हो गई थी, तब से इरम ही बहनों और छोटे भाइयों की देखभाल करती हैं। उन्होंने घर के बाहर की टीनशेड में दुकान खोल रखी थी।

इरम का कहना है कि 5 दिसंबर को ईओ बिना नोटिस दिए। बुलडोजर लेकर पहुंच गए। उन्हें बताया गया कि जिस जमीन पर घर बना है, वह नगर पंचायत की है। इसके बाद मैंने उन्हें घर का नक्शा दिखाया, जिसे पिता ने पास करवाया था।

नक्शा देखने के बाद भी ईओ कार्रवाई की जिद पर अड़े थे। हम लोगों ने हाथ जोड़े, उनसे समय मांगा, लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं सुनी। घर और दुकान पर बुलडोजर चलवा दिया। कहा कि SDM और तहसीलदार की मंजूरी के बाद यह फैसला लिया गया है।

इरम का कहना है कि घर-दुकान टूटने के बाद मैं बहनों के साथ 7 दिसंबर को SDM सदर नवीन कुमार से मिलने पहुंची। उन्हें पूरी बात बताई। SDM ने भी न्याय का भरोसा दिया।

24 घंटे तक कार्रवाई का इंतजार किया। मगर हमें निराशा मिली। इसके बाद डीएम ऑफिस आई हूं। डीएम साहब से शिकायत की हूं। अब देखिए क्या एक्शन होता है। इरम ने बताया- हमें सिर्फ परेशान किया जा रहा है। पहले मुझसे कहा गया 1 लाख रुपए लो और मकान खाली कर दो, हम लोगों ने मना किया। इसके बाद मकान गिरा दिया। तब से भटक रही हूं। मेरे पास जमीन से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स हैं, लेकिन मेरी सुनवाई नहीं हो रही है।

इरम ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यूपी सरकार को बगैर नोटिस जारी किए किसी भी संपत्ति पर बुलडोजर कार्रवाई नहीं करने की हिदायत दी थी। योगी सरकार ने भी अफसरों को चेताया था कि किसी गरीब के घर पर बुलडोजर तब तक न चलाया जाए, जब तक गरीब के घर की वैकल्पिक व्यवस्था न हो जाए। इसके बावजूद मेरा घर गिरा दिया गया।

डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया- मामले में शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर SDM सदर को जांच के निर्देश दिए हैं। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, SDM नवीन कुमार ने बताया- डीएम सर के निर्देश पर जांच कराई जा रही है। सोमवार को पीड़ित पक्ष को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है। ईओ नगर पंचायत से भी जवाब मांगा गया है।

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