बुलंदशहर : पूर्व विधायक योगेश वर्मा को एमपी-एमएलए कोर्ट से वारंट जारी, पूर्व सदर ब्लाक प्रमुख के खिलाफ भी वारंट
बुलंदशहर लोकसभा से 2019 में सपा, बसपा व रालोद के संयुक्त प्रत्याशी रहे और हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा व पूर्व सदर ब्लाक प्रमुख को अनूपशहर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान देर रात में बिना परमिशन के अपने साथियों के साथ चुनाव प्रचार करने का आरोप है।
योगेश वर्मा 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में दूरबीन से EVM एवं स्ट्रांग रूम की निगरानी कर चर्चा में आए थे।विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 2019 में वादी उपनिरीक्षक नकुल सिहं ने कोतवाली नगर में तहरीर देकर बताया कि वह एवं दो अन्य उप निरीक्षक वारंटी चुनाव देखरेख व वाहन चेकिंग अभियान चला रहे थे। इसी दौरान बिना अनुमति देर रात्रि 11:00 बजे योगेश वर्मा चुनाव सामग्री बांट रहे थे।
तत्कालीन लोकसभा प्रत्याशी योगेश वर्मा को चुनाव सामग्री बांटने से मना करने पर वह नहीं माने।जिसके बाद उनके द्वारा उच्च अधिकारियों को इस संबंध में सूचना दी गई।जिसके बाद अन्य फोर्स भी मौके पर आ गई।तब तक योगेश वर्मा आदि लोग 8 से 10 गाड़ियां लेकर भाग गए।पुलिस फोर्स द्वारा चुनाव प्रचार में उपयोग हुई दो गाड़ियां व दो व्यक्तियों को मौके से पड़़कर जमा तलाशी ली गई।पूछने पर उन्होंने अपना नाम राजीव भाटी व सौरभ शर्मा बताया। पुलिस दोनों व्यक्ति व गाड़ी को कोतवाली ले गई। एवं प्रचार सामग्री को सील किया।भागे हुए व्यक्तियों के नाम पूछने पर दोनों ने बताया कि वह योगेश वर्मा व मोहम्मद हाजी यूनुस को जानते हैं, वह चुनाव प्रचार में यहां पर आए हैं।
वादी की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने 147, 188 व 171E की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। अब यह मामला अनूपशहर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के लिए स्थानांतरित हुआ है। आचार संहिता उल्लंघन मामले में एमपी- एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह चतुर्थ ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा व पूर्व ब्लाक प्रमुख हाजी युनूस को वारंट जारी करते हुए तलब किया है तथा सुनवाई की अगली तिथि 12 अप्रैल नियत की है।