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छांगुर बाबा की 3 करोड़ की कोठी पर चला बुलडोजर, 20 कमरे और हॉल ढहाए

यूपी में धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर मंगलवार को बड़ी कार्रवाई हुई। बलरामपुर में 40 कमरों वाली उसकी आलीशान कोठी पर 9 बुलडोजर चलाए गए।

शाम 5 बजे तक कोठी के 20 कमरे और 40 फीट लंबे और इतने ही चौड़े हॉल को ढहा दिया गया। अब बुधवार सुबह 10 बजे फिर से कमरे तोड़े जाएंगे। कोठी में 70 से ज्यादा कमरे और हॉल हैं। इनमें 40 कमरों वाले हिस्से को अवैध बताया गया है।

ATS का दावा है, छांगुर बाबा यहीं से धर्मांतरण का नेटवर्क चलाता था। हालांकि यह कोठी उसकी महिला मित्र नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर है। बाबा ने ही नीतू का धर्मांतरण करके उसे नसरीन नाम दिया था।

योगी ने कहा, आरोपी जलालउद्दीन की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी और उन पर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कानून के अनुसार ऐसी सजा दी जाएगी, जो समाज याद रखेगा।

तीन बीघा जमीन पर किलेनुमा कोठी कोठी उतरौला-मनकापुर मुख्य मार्ग पर है। 3 बीघा जमीन पर करीब 3 करोड़ से बनाई गई थी। इसमें 10 CCTV कैमरे लगे हैं। कोठी के चारों तरफ बाउंड्री वाल पर तार दौड़ाया गया था। इस पर रात को करंट दौड़ाई जाती थी, ताकि कहीं से कोई अंदर न आ सके। मेन गेट से कोठी तक जाने के लिए 500 मीटर की प्राइवेट रोड बनी हुई है।

मंगलवार सुबह 10 बजे प्रशासन की टीम कोठी पर पहुंची तो मेन गेट पर ताला लगा था। डीएम पवन अग्रवाल की निगरानी में अफसरों की निगरानी में ताला तोड़कर टीम अंदर गई। घर के एक-एक कमरे की तलाशी ली गई।

उतरौला तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति ने बताया, 17 मई और 17 जून और 7 जुलाई को अवैध निर्माण हटाने का नोटिस दिया गया था। हालांकि, कोई जवाब नहीं दिया गया। इसलिए, प्रशासन ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का निर्णय लिया।

शनिवार को ATS ने 50 हजार रुपए के इनामी छांगुर बाबा को नीतू उर्फ नसरीन के साथ लखनऊ से गिरफ्तार किया था। दोनों के खिलाफ नवंबर, 2024 में ATS ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया था।

छांगुर बाबा के टारगेट पर हिंदू लड़कियां होती थीं जांच एजेंसियों के मुताबिक, छांगुर बाबा लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन उनका धर्मांतरण करवाता। उसके टारगेट पर हिंदू लड़कियां होती थीं। हर जाति की लड़कियों का रेट फिक्स कर रखा था।

जैसे-

  • ब्राह्मण, सरदार और क्षत्रिय लड़कियों को 15 से 16 लाख रुपए दिए जाते थे।
  • पिछड़ी जाति की लड़कियों को 10 से 12 लाख रुपए का भुगतान होता था।
  • अन्य जाति की लड़कियों को 8 से 10 लाख रुपए दिए जाते थे।
Umh News india

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