गरियाबंद में बड़ा एनकाउंटर : एक करोड़ का इनामी कमांडर ढेर
Gariaband News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के घने जंगलों में गुरुवार सुबह से सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ जारी थी. सूचना के आधार पर E-30, विशेष कार्य बल (STF) और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू किया. मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें करीब 10 नक्सली मारे गए. हालांकि, मुठभेड़ अब भी जारी है.
जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ में बड़ी कामयाबी भी मिली. एक करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर मनोज उर्फ मॉडेम बालकृष्ण उर्फ भास्कर भी मारा गया. बताया जा रहा कि 58 वर्षीय कमांडर भास्कर तेलांगना का रहने वाला था और 35 साल से सक्रिय था. भास्कर नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य भी था. इसकी पुलिस को अर्से से तलाश थी. बताया जा रहा कि ये नक्सली कमांडर गरियाबंद के रास्ते उड़ीसा भागने की फिराक में था.
डेढ़ साल में 500 नक्सली मारे गए
बीते तीन महीने में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की यह दूसरी बड़ी कामयाबी है. इससे पहले मुठभेड़ में नक्सलियों का बड़ा कमांडर बसवराजू मारा गया था. पिछले डेढ़ वर्ष में छत्तीसगढ़ में लगभग 500 नक्सली मुठभेड़ों में ढेर किए गए हैं, जबकि 20 वर्षों में करीब 1500 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 3000 से अधिक ने आत्मसमर्पण किया है. यह अभियान नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
मॉडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज एक माओवादी नेता था जो प्रतिबंधित संगठन का केंद्रीय समिति सदस्य था, जिसे 2025 की शुरुआत में ओडिशा पुलिस ने लक्षित किया था. वह केकेबीएन डिवीजन का नेतृत्व करता था और उसे आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले का निवासी बताया गया है. मॉडेम बालकृष्ण को मनोज के नाम से भी जाना जाता था. जनवरी 2025 में ओडिशा पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कार्रवाई करने का फैसला किया था, क्योंकि वह लंबे समय से पुलिस से बच रहा था. बालकृष्णा को संगठन की विस्तार रणनीति और बड़े हमलों की योजना का मुख्य क्रियान्वयनकर्ता माना जाता था.