लालू को किडनी देने वाली बेटी रोहिणी ने राजनीति छोड़ी
बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद लालू परिवार में बड़ी टूट हुई है। लालू को किडनी देने वाली दूसरे नंबर की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को X पर पोस्ट कर लिखा है, ‘मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।’
संजय यादव राज्यसभा सांसद हैं और तेजस्वी के रणनीतिक सलाहकार हैं। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने जिस रमीज का जिक्र किया है, वे यूपी के बलरामपुर के रहने वाले हैं। जेल में बंद पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं। इन पर हत्या समेत कई मुकदमे हैं। ये RJD का सोशल मीडिया और चुनाव का कामकाज देखते हैं। इनकी पत्नी भी विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। इसी साल 25 मई को लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाला था। तेज प्रताप ने इसके लिए संजय यादव को ही जिम्मेदार ठहराया था।
कल आए चुनाव के नतीजों में RJD को महज 25 सीटें मिली हैं। जबकि 2020 में पार्टी ने 75 सीटें जीती थीं। तेजप्रताप करीब 50 हजार वोटों से इस चुनाव में हारे हैं। लंबी खींचतान के बाद तेजस्वी अपनी सीट बचा पाए हैं।
नतीजों के बाद RJD सांसद संजय यादव को लेकर लालू परिवार में टकराव बढ़ गया है। कल तेजप्रताप ने भी लिखा था- जयचंदों ने राजद को खोखला किया।
इससे पहले रोहिणी ने पार्टी से लेकर परिवार के सभी सदस्यों को सोशल मीडिया पर अन फॉलो कर दिया था। संजय यादव के तेजस्वी की गाड़ी के फ्रंट सीट पर बैठने पर शुरू हुआ विवाद
18 सितंबर को लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया था। पोस्ट आलोक कुमार नाम के एक RJD समर्थक का था।
पोस्ट में लिखा था- पूरे बिहार के साथ-साथ हम तमाम लोग फ्रंट सीट पर लालू जी और तेजस्वी यादव को बैठे/बैठते देखने के अभ्यस्थ हैं। उनकी जगह पर कोई और बैठे यह हमें कतई मंजूर नहीं। जिन्हें एक दोयम दर्जे के व्यक्ति में एक विलक्षण रणनीतिकार-सलाहकार-तारणहार नजर आता है… ये बात अलग है।
अगले दिन 19 सितंबर को खटपट की खबरों को बल तब मिला जब उन्होंने अपने X हैंडल से पार्टी के साथ-साथ लालू-राबड़ी सहित परिवार के हर सदस्य को अनफॉलो कर दिया। इसके बाद मीडिया में लालू परिवार में फूट की खबरें चलने लगी।
आलोक कुमार के इस पोस्ट के नीचे एक फोटो चस्पा थी, जिसमें बिहार अधिकार यात्रा की बस के दाईं ओर की फ्रंट सीट पर संजय यादव बैठे थे।
रोहिणी ने पोस्ट शेयर करते हुए कुछ लिखा तो नहीं, लेकिन उसके बाद लालू परिवार में खटपट की खबरें आने लगी।
संजय की बढ़ती ताकत से घरवाले नाराज
कहा जाता है कि लालू यादव ने तेजस्वी यादव को फ्री हैंड दे दिया है। जब से तेजस्वी को पूरी पावर मिली है, उनके करीबी संजय यादव का प्रभाव भी बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेजस्वी क्या करेंगे, किससे बात करेंगे, उनकी रणनीति क्या होगी सब संजय यादव तय करते हैं।
रोहिणी ने इशारों-इशारों में संजय को निशाने पर लिया है। हालांकि, इससे पहले तेज प्रताप यादव खुलेआम आलोचना कर चुके हैं। आजकल तेज प्रताप ‘जयचंद’ कह कर निशाना साधते हैं। कहा जाता है कि उनका इशारा संजय की तरफ ही है।
तेज प्रताप के पुराने पोस्ट को पढ़िए…
- 20 अगस्त 2021ः तेज प्रताप यादव अपने छोटे भाई तेजस्वी से मिलने पहुंचे थे। बिना मिले लौट आए। इसके बाद तेज प्रताप ने कहा था, ‘संजय यादव जो तेजस्वी यादव के पीए हैं उन्होंने मुलाकात नहीं होने दी। वह नहीं मिलने दे रहे हैं।
- 9 अक्टूबर 2021ः तारापुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में तेज प्रताप यादव की छात्र जनशक्ति परिषद के समर्थित उम्मीदवार संजय यादव ने पहले पर्चा भरा और फिर उसके अगले ही दिन अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद तेज प्रताप ने एक पोस्ट किया।
- लिखा, ‘जनता के लिए संजय यादव जी ने अपनी उम्मीदवारी वापस ली। ना मैंने कुछ कहा, ना लिखा तो इसमें मेरा क्या रोल था या है? हरियाणवी स्क्रिप्ट राइटर तुम फालतू की सी ग्रेड कहानी कहीं और लिखना।’

