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बेटियां बोझ नहीं बल्कि बेटियों को भी मर्जी से जीने का अधिकार : अशोक सुरेला

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पावटा (राजेश कुमार हाडिया)। सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कंपैशन बाल आश्रम विराटनगर संस्थापिका सुमेधा कैलाश के निर्देशानुसार राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहनपुरा में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत मिटिंग का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्राचार्य अशोक सुरेला ने कहा की बेटियां बोझ नहीं बल्कि बेटियों को भी अपनी मर्जी से जीने का अधिकार है।

वहीं कम उम्र में लड़कियों की शादी करने से उनके शरीर पर इसका गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा की कम उम्र में शादी करने और गर्भधारण करने कि अपरिपक्वता के चलते कई बार महिलाओं की मृत्यु भी हो जाती है। धर्मपाल ने अपने उद्धबोधन में बताया कि बेटियों को भी बेटों की तरह हि शिक्षा दिलाये तथा उनकी वैवाहिक उम्र होने के बाद हि शादी कराए। उन्होंने कहा की बाल-विवाह न सिर्फ अपराध है बल्कि एक अभिशाप भी है। जिसे मिटाने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा। इस दौरान जितेन्द्र यादव, दिलीप कुमार, बलवंत रैवाला, सुरेश कुमार, कैलाश, कपिल आदि मौजूद रहे।

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