Delhi Blast: आतंकी उमर का था कश्मीर में पुलवामा जैसे अटैक का प्लान!
Delhi Car Blast Latest Updates: दिल्ली ब्लास्ट के सिलसिले में एक नया खुलासा हुआ है. दिल्ली धमाके से जुड़े आतंकियों ने पुलवामा जैसे अटैक की योजना बनाई थी. ये आतंकी जम्मू-कश्मीर में पुलवामा अटैक जैसा ही आतंकवादी हमला करना चाहते थे, मगर एक आतंकवादी की गिरफ्तारी ने उनके प्लान पर पानी फेर दिया. मजबूरी में उन्हें चांदनी चौक में लाल किले के पास कार में धमाका करना पड़ा. सीएनएन न्यूज18 को यह जानकारी मिली है.
सीएनएन-न्यूज18 से बातचीत में एक खुपिया सूत्र ने बताया कि लाल किले के पास हमले के पीछे की मुख्य टीम के बारे में विस्तार से बताया है. सोमवार की शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक आई-20 कार में धमाका हुआ था. उस विस्फोट में 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. उस हमले में खुद आतंकी डॉक्टर उमर मारा गया था. डीएनए टेस्ट से यह कन्फर्म हो गया.
सूत्र ने बताया, आतंकियों की मुख्य टीम में पांच लोग शामिल थे. उमर (लाल किले धमाके का हमलावर), मौलवी इरफान, डॉक्टर अदिल राथर और मुजम्मिल शकील और एक महिला डॉक्टर शाहीन. मुजम्मिल की प्रेमिका होने के नाते महिला डॉक्टर शाहीन ने उसे पैसे दिए थे, मगर हमें अभी भी यकीन नहीं है कि वह इसमें कितनी शामिल थी. इसके अलावा दो लोग रडार पर हैं, लेकिन वे अहम प्रतीत होते हैं. ये हैं अदील का भाई मुजफ्फर है जो अफगानिस्तान भाग गया है और दूसरा आमिर जिसने कार खरीदी थी.
डॉक्टर टेरर आतंकी मॉड्यूल के विदेशी कनेक्शन के बारे में बताते हुए सूत्र ने कहा, ‘उकासा और हाशिम समेत तीन हैंडलर हैं. इनमें से उकासा और अनाम हैंडलर कश्मीरी हैं, मगर ये अफगानिस्तान में हैं. हाशिम के बारे में भी दावा किया जाता है कि वह कभी अफगानिस्तान तो कभी पाकिस्तान में होता है. मुजम्मिल, मुज़फ़्फ़र और उमर तीनों जब 2022 में तुर्की गए थे, तो हैंडलर उकासा ने उन्हें रहने की जगह दी थी. तीनों अफगानिस्तान जाना चाहते थे, लेकिन जा नहीं पाए. एक सीरियाई शरणार्थी भी था जो उकासा के संपर्क में था, जिसने तीनों की देखभाल की थी. तीनों आतंकी 15-20 दिन वहीं रहे और वापस आ गए.’
आतंकी उमर का क्या रोल?
इसके अलावा सूत्र ने बताया कि पिछले दो महीनों में इंटरनेट पर मौलवी की कई कॉल अफगानिस्तान से मिली हैं, जबकि ऑपरेटिव मुजफ्फर के ऱफोन डेटा से उसके पाकिस्तान और अफगानिस्तान से संबंध दिखाई देते हैं. ग्रुप के संचालन और उनके मकसद के बारे में बताते हुए सूत्र ने कहा कि इरफान का काम लोगों को भड़काना अथवा माइंडवॉश करना था, जबकि आतंकी उमर का काम चीजों को एग्जीक्यूट करना था. उन्होंने कहा कि बाकी मॉड्यूल मदद के लिए था.
कश्मीर में था पुलवामा अटैक का प्लान
सूत्र ने कहा, ‘उनका मकसद मानसिक रूप से जिहाद की तैयारी करना और विस्फोटक इकट्ठा करके योजनाएं बनाना था. उमर की मौत हो जाने के कारण विवरण अभी तक स्पष्ट नहीं है, आतंकियों ने हमलों के टारगेट पर चर्चा ज़रूर की होगी.’ सूत्र ने आगे कहा, ‘हमें यह भी पता चला है कि वे विस्फोटकों से लदी कार और ईंधन तेल की मदद से कश्मीर में आतंकी योजना को अंजाम देना चाहते थे. ठीक वैसा ही जैसा पुलवामा में हुआ था. लेकिन मुजम्मिल की गिरफ्तारी ने उनकी योजना पर पानी फेर दिया और आतंकी उमर ने जल्दबाजी में लाल किले को निशाना बनाया.’
दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल
सोमवार को हुए आतंकी हमले से पहले हरियाणा के फरीदाबाद में विस्फोटकों और हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद होने के बाद अधिकारियों ने दो डॉक्टरों समेत सात लोगों को अरेस्ट किया था. इस हमले ने वाइट कॉलर डॉक्टर मॉड्यूल का पर्दाफ़ाश किया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश, इंदौर और कश्मीर में और गिरफ़्तारियां हुईं क्योंकि एजेंसियों ने पूरे भारत में फैले इस नेटवर्क को एक साथ जोड़ दिया. हालांकि, सूत्र ने कहा कि इस कदम से पता चलता है कि आतंकी समूह ने अपनी क्षमता से अधिक का बोझ उठा लिया था और बड़े पैमाने पर आतंकी वारदात के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं था.
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