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गर्मी से दहकी दिल्ली, 107-110 डिग्री बॉडी टेम्प्रेचर के साथ अस्पताल पहुंचे मरीज…

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Delhi Weather Update Today: आग उगलते सूरज से पूरा उत्तर भारत तप रहा है. दिल्ली तो मानो अवन बनी हुई है. भीषण गर्मी के प्रकोप से ना केवल धरती आग का गोला बनी हुई है, बल्कि लोगों के शरीर का पारा भी थर्मामीटर तोड़ रहा है. दिल्ली के अस्तपतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है जिनका बुखार 105°F (डिग्री फ़ारेनहाइट) से अधिक है. दो मरीज तो ऐसे आए जिनका शरीर 107 और 110 डिग्री फारेनहाइट के चलते बुरी तरह से तप रहे थे. इलाज के दौरान इन मरीजों की मौत हो गई.

दिल्ली के राममनोहर लोहिया- आरएमएल हॉस्पिटल में 40 साल की एक श्रमिक महिला और 60 साल के सिक्योरिटी गार्ड को भर्ती कराया गया. ये दोनों ही हीट स्ट्रोक का शिकार हो गए थे. महिला ने सोमवार को और सिक्योरिटी गार्ड ने मंगलवार को दम तोड़ दिया. दिल्ली के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. मंगलवार की सुबह आरएमएल हॉस्पिटल में हीट स्ट्रोक के 35 मरीज भर्ती हुए. आरएमएल में हीट स्ट्रोक से अबतक 7 मरीजों की मौत हो चुकी है. अस्पताल में मंगलवार को 6 ऐसे मरीज भर्ती हुए जिनको वाल्टिनेटर की आवश्यकता थी. दो मरीजों को फौरन ही ऑक्सीजन लगानी पड़ी. आरएमएल हॉस्पिटल में ही मंगलवार को एक ऐसा मरीज भर्ती हुआ जो 110 डिग्री फारेनहाइट बुखार से तप रहा था.

लोकनायक अस्पताल के अनुसार, उनके यहां जनकपुरी से 39 वर्षीय कार मैकेनिक भर्ती हुआ. उसको 106 डिग्री फारेनहाइट बुखार था. उपचार के दौरान 16 जून को उसकी मृत्यु हो गई.

हीट स्ट्रोक से पीड़ित ज्यादातर लोग निम्न आय वर्ग के हैं. डॉक्टरों का कहना है कि धूप में लगातार काम और जागरुकता की कमी के चलते ज्यादातर लोग भीषण गर्मी का शिकार हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से पीड़ित ऐसे लोग ज्यादा भर्ती हो रहे हैं जो बाहर खुले में काम करते हैं. इनमें निर्माण कार्य में लगे मजदूर, सुरक्षा गार्ड, रिक्शा चालक और रेहड़ी पटरी वाले शामिल हैं. इनके अलावा बुजुर्ग लोग भी लू से ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं.

सबसे पहली मौत
दिल्ली में हीट स्ट्रोक से सबसे पहली मौत मई में हुई थी. 29 मई को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 40 साल के एक शख्स की हीट स्ट्रोक से मौत हो गई. मृतक बिहार के दरभंगा का रहने वाला था और एक पाइपलाइन फिटिंग फैक्ट्री में काम करता था. सोमवार रात उसके साथी उसे डॉक्टर के पास लेकर आए. मरीज बहुत तेज बुखार से तप रहा था था. उसके शरीर का तापमान 107 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर चला गया था, जो सामान्य शरीर के तापमान से 10 डिग्री अधिक है.

मरीज को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया मरीज अस्पताल की हीट स्ट्रोक यूनिट में ही रखा गया था. 29 मई, बुधवार को उसे वार्ड में शिफ्ट किया गया. उसकी हालत अचानक बिगड़ गई. दोपहर करीब 3 बजे उसकी मौत हो गई.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को 12 साल बाद सबसे गर्म रात रही. यहां न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य तापमान से आठ डिग्री अधिक है. दिल्ली में इससे पहले जून 2012 में सबसे गर्म रात दर्ज की गई थी और उस दौरान न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

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