google-site-verification=aXcKQgjOnBT3iLDjEQqgeziCehQcSQVIW4RbI82NVFo
News

संतकबीरनगर : डॉक्टर ने 20 हजार रुपए लेकर परिवार को दिया शव, कहा पैसा जमा करो तभी देंगे

संतकबीरनगर, निजी अस्पताल में गर्भवती महिला को पांच महीने का मृत बच्चा पैदा हुआ। इस दौरान परिवार ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही से नवजात की जान चली गई। इसके बाद प्रशासन ने बच्चे का शव देने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की और कई घंटे तक बच्चे को अस्पताल में रखा। पैसा लेने के बाद शव को उनको सौंपा। इसके बाद परिवार ने अंतिम संस्कार किया। मामला मेंहदावल थाना क्षेत्र के निजी हॉस्पिटल का है।

मेंहदावल पुलिस को दिए हुए प्रार्थना पत्र में पीड़ित पिता ने बताया कि मेरी पत्नी मंजुला गर्भवती थी। उनका इलाज मेंहदावल के दिव्या देव हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी सेंटर मोहल्ला उत्तरपट्टी सियर में चल रहा था। 21 तारीख को रात में हल्का सा तबीयत खराब होने पर उन्होंने अस्पताल में आकर डॉक्टर अर्चना त्रिपाठी और लोकेश त्रिपाठी को बताया। वह दोनों लोग एक कंपाउंडर को इंजेक्शन लगाने के लिए मेरे घर भेजें। उसके बाद आराम नहीं होने पर हम पत्नी को अस्पताल में एडमिट कराने लेकर आए। वहां पर उसकी तबीयत और खराब हो गई और मैं बार-बार वहां डॉक्टरों को बुलाने के लिए कहा, लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने डॉक्टरों को नहीं बुलाया।

आठ बजे मरा हुआ बच्चा पेट से बाहर निकल गया। उसके बाद जब मैं डिस्चार्ज कराकर अपनी पत्नी को लेकर बाहर आने लगा तो मुझसे 20 हजार रुपए की मांग होने लगी। स्टाफ ने मरे बच्चे को अपने पास ले लिया और कहा कि पैसा जमा करो तभी यह बच्चा देंगे। मैंने कहा कि आप लोग के लापरवाही से मेरा बच्चा मर गया है। आप लोग अगर देखने आए होते तो यह स्थिति नहीं होती ।

हॉस्पिटल के डॉक्टर लोकेश त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए सारे आरोप बेबुनियाद बताए। प्रभारी निरीक्षक रामकृपाल सिंह ने कहा कि तहरीर मिली है। पुलिस अस्पताल पर जांच करने गई थी। अगर जांच में किसी तरह की लापरवाही अस्पताल सामने आती है तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

Umh News india

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *