डॉग बाबू’ निवास प्रमाण पत्र मामला : राजस्व अधिकारी और IT सहायक पर बड़ी कार्रवाई
पटनाः मसौढ़ी अंचल में “डॉग बाबू” के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी करने का अजीबोगरीब मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. इस मामले में पटना के जिला पदाधिकारी ने तुरंत जांच के आदेश दिए थे, जिसमें बड़ी लापरवाही और धोखाधड़ी सामने आई है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जुलाई 2025 को एक दिल्ली की महिला ने निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. हैरानी की बात यह है कि उसने आवेदन के साथ किसी और व्यक्ति का आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड लगाया था. यह भी सामने आया कि जारी किए गए प्रमाण पत्र पर गलत डिजिटल हस्ताक्षर थे.
जांच में आईटी सहायक और राजस्व अधिकारी, मसौढ़ी मुरारी चौहान दोनों को दोषी पाया गया है. राजस्व अधिकारी मुरारी चौहान को बिना पूरी जांच किए, गलत सबूतों के आधार पर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निलंबित करने की सिफारिश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से की गई है. आईटी सहायक, मसौढ़ी, जिसने बिना ठीक से जांच किए आवेदन को राजस्व अधिकारी के पास भेज दिया था, उसे तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त (बर्खास्त) कर दिया गया है.
जिस महिला ने किसी और के पहचान पत्र का दुरुपयोग करके गलत स्व-घोषणा पत्र के साथ आवेदन दिया था, उसके खिलाफ भी स्थानीय मसौढ़ी थाना में FIR (प्राथमिकी संख्या 608/25, दिनांक 28/07/2025) दर्ज कर ली गई है. पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है. ऐसे मामलों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जारी किया गया वह निवास प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है.
बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ने सभी जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे NIC के सर्विस प्लस पोर्टल पर उपलब्ध सत्यापन प्रक्रिया (Verification Process) का कड़ाई से पालन करें. भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोकने और सिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी उपयोग करेगा. यह कदम डिजिटल सेवाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है.