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धीरेंद्र शास्त्री को महिला तस्कर कहने वाले प्रोफेसर पर FIR

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री को महिला तस्कर कहने वाले यूपी के प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत ने 31 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट की थी। इसमें लिखा- “नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित छोटा भाई धीरेंद्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है।”

छतरपुर के बमीठा थाना प्रभारी आशुतोष सिंह ने बताया कि बागेश्वर धाम जन समिति के धीरेंद्र कुमार गौर ने रविवार देर रात 12 बजे धाम शिकायत की थी। प्रोफेसर के खिलाफ धारा 353(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कराया है। इस धारा के तहत यदि कोई ऐसा बयान देता है, जिससे किसी की भावनाएं आहत होती हैं या घृणा या दुश्मनी पैदा करने या बढ़ावा देने के इरादे से झूठी जानकारी, अफवाह या डराने वाली खबरें फैलाने से के चलते ये धारा लगाई जाती है। इसमें 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। अभी इन्वेस्टिगेशन चलेगी। वैसे, गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है, लेकिन आवश्यकता पड़ेगी, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

छतरपुर के लवकुश नगर थाना क्षेत्र में डायल 100 की टीम को एक एम्बुलेंस में 13 महिलाओं को ले जाने की सूचना मिली। पुलिस ने पठा चौकी क्षेत्र में एम्बुलेंस को रोका और महिलाओं को थाने लाया गया। इस मामले का एक वीडियो भी सामने आया था।

वीडियो में एक व्यक्ति एम्बुलेंस ड्राइवर से पूछताछ कर रहा है, जिसमें ड्राइवर कह रहा है कि पन्ना के सेवादार कल्लू दादा ने महिलाओं को महोबा रेलवे स्टेशन छोड़ने को कहा था। वहीं, महिलाओं ने आरोप लगाया कि बागेश्वर धाम की सेवादार मिनी ने उनके बाल पकड़कर जबरन एम्बुलेंस में बिठाया। उनको जान से मारने की धमकी दी। उनको नहीं पता कि ये लोग कहां लेकर जा रहे थे। महिलाओं ने बताया कि वे बागेश्वर धाम दर्शन और पेशी के लिए आई थीं।

केस दर्ज होने के बाद रात करीब 3 बजे पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वीडियो जारी किया। इसमें कहा कि अनवरत रूप से साजिशकर्ता लगे हुए हैं। धाम के लिए कुछ न कुछ उपद्रव करते रहते हैं। देश में फैली सबसे बड़ी जात-पात की बीमारी को खत्म करने में लगे हैं। हम हिंदुओं को एक करने में लगे हैं। किसी ने कुछ कहा है, जिसके बाद बागेश्वर धाम जन सेवा समिति के सदस्यों ने FIR करवाई है।

जब तक हमारे तन में प्राण हैं, कितने भी लोग हमारे ऊपर आरोप लगाते रहें, लेकिन हम हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान की सेवा करते रहेंगे। हमारा जन्म भी इसके लिए हुआ है। हम मरते दम तक सनातन परंपरा के लिए ही जीएंगे और मरेंगे। यह तो अभी आरंभ है। अभी न जाने लोग क्या-क्या कहेंगे। आगामी पदयात्रा जो 7 नवंबर से 16 नवंबर तक है, उसकी बातें सुनकर इनके पेट में दर्द होना प्रारंभ हो गया हैं। अब चाहे जो हो जाय, हम अपने संकल्प से हटेंगे नहीं। हम हिंदुओं से एक बार फिर कहना चाहते हैं कि हम ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे, जिससे हिंदुओं को नीचा देखना पड़े।

जिस दिन महिलाओं से भरी एम्बलुेंस पकड़ी गई उस दिन लवकुश नगर टीआई अजय अंबे ने बताया था कि पूछताछ में सामने आया कि ये महिलाएं पिछले 6 महीने से बागेश्वर धाम में रुकी हुई थीं। इन पर धाम में चोरी, चेन स्नैचिंग और अन्य अप्रिय घटनाओं को अंजाम देने का आरोप था। पूछताछ के बाद सभी महिलाओं को छोड़ दिया गया।

बागेश्वर धाम के सेवादार और रिटायर्ड शिक्षक कुंज बिहारी ने बताया था कि ये महिलाएं पेशी के नाम पर धाम में रुकी हुई थीं। धाम में लगातार चोरियां हो रही थीं। करीब 70-80 ऐसे लोगों को निगरानी में रखा गया था। दो दिन पहले एक मीटिंग में इन लोगों को समझाया गया कि गुरुजी विदेश में हैं और वे अपने घर चले जाएं।

जब दो दिन बाद भी ये लोग नहीं गए, तो उन्हें गाड़ियों से रेलवे स्टेशन भेजा जा रहा था। पकड़ी गई एम्बुलेंस में 11 लोग सवार थे, जिन्हें महोबा रेलवे स्टेशन छोड़ा जा रहा था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

लवकुशनगर एसडीओपी नवीन दुबे ने बताया था कि रात में हंड्रेड डायल पुलिस के पास कॉल आया था। बागेश्वर धाम के सेवादार महिलाओं और पुरुषों को छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर जा रहे थे। एम्बुलेंस बागेश्वर धाम समिति की है। उसी से लोगों को ले जाया जा रहा था।

Umh News india

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