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Health

1 इंजेक्शन से जिंदगी भर के लिए धमनियों में चिपके कोलेस्ट्रॉल की छुट्टी

1 Injection end Bad Cholesterol : कोलेस्ट्रॉल फैट यानी वसा का एक रूप है. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रैट की तरह वसा भी प्रमुख पोषक तत्व है जिसकी एनर्जी निर्माण में और कई तरह के एंजाइम और हार्मोन बनाने में सहयोग होता है. लेकिन अगर रत्ती भर भी कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में ज्यादा हो जाए तो इसका बेहद बुरा परिणाम सामने आता है. यह हमारे शरीर को खोखला करते रहता है और हमें पता तक नहीं चलता. यह हाई कोलेस्ट्रॉल खून की धमनियों में चिपक जाता है और जब ज्यादा हो जाता है तो खून के रास्ते को रोकने लगता है. इससे खून की नलियों के फटने का डर रहता है और खून के प्रवाह कम होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. अब तक कोलेस्ट्रॉल के खतरे को कम करने के लिए स्टैटिन दवा ली जाती है जो खून को पतला कर देता है. इससे कोलेस्ट्रॉल खत्म तो नहीं होता लेकिन यह और ज्यादा नहीं बढ़ता लेकिन वैज्ञानिकों ने अब इसे पूरी तरह से खत्म करने की ठान ली है. इसके लिए एक दवा बनाई गई है जो कोलेस्ट्रॉल को ही खत्म कर देती है.

जिंदगी भर के लिए कोलेस्ट्रॉल खत्म

डेली मेल की खबर में कहा गया है कि VERVE-102 नाम का एक इंजेक्शन बनाया गया है जो सिर्फ एक डोज लेने के बाद ही जिंदगी भर के लिए हाई कोलेस्ट्रॉल को खत्म कर सकता है. यह दवा उस जीन को ही दरकिनार कर देती है जो हाई कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है. इस इंजेक्शन का ट्रायल अभी छोटे पैमाने पर किया गया है लेकिन इसके परिणाम बेहद हैरान करने वाले आए है. इसमें 14 मरीजों को शामिल किया गया था. इन लोगों का एलडीएल लेवल बहुत ज्यादा था. इस इंजेक्शन को देने के बाद इन मरीजों में देखा गया कि सिर्फ चार सप्ताह के अंदर एलडीएल की मात्रा 53 प्रतिशत कम हो गई. हालांकि इन नतीजों को दोहराने और दवा की सुरक्षा साबित करने के लिए अभी बड़े पैमाने पर ट्रायल की जरूरत है. लेकिन विशेषज्ञों को उम्मीद है कि यह नई प्रयोगात्मक थेरेपी उन लोगों के लिए बेहद मददगार हो सकती है जिन पर स्टैटिन भी सही से काम नहीं करता. यह दवा भविष्य में हाई कोलेस्ट्रॉल वाले मरीजों के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकता है. सिर्फ सिंगल इंजेक्शन लेने के बाद ही उसे हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे से मुक्ति मिल सकती है

भारत में ऐसे लाखों लोग हैं जिनमें कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है. इनमें से अधिकांश व्यक्ति को पता भी नहीं कि उन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल है क्योंकि इसके कोई लक्षण भी नहीं दिखते. हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए वर्तमान में स्टैटिन दवा दी जाती है जो एलडीएल प्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार लिवर एंजाइम को ब्लॉक कर देता है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन और क्लिनिकल ट्रायल्स की प्रोफेसर लुईज़ बोमन कहती हैं कि स्टैटिन सालों से उपयोग में हैं और अब तक के सबसे बड़े ट्रायल्स में इनका गहराई से परीक्षण किया गया है. हमें पता है कि ये प्रभावी, सुरक्षित और आमतौर पर अच्छी तरह सहन की जाने वाली दवाएं हैं. हाल ही में हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए एक और अन्य दवा बनी है. PCSK9 inhibitors नाम की ये दवा क दवाओं का वर्ग है. इसमें अलिरोक्यूमैब और इवोलोक्यूमैब जैसी दवा शामिल है. ये LDL के उत्पादन को कम करने के बजाय शरीर को इसे खून से हटा कर वापस लिवर में भेजने में मदद करती हैं, जहां यह टूटकर नष्ट हो जाता है. PCSK9 लिवर में बनने वाला एक प्रोटीन है जो इस सफाई प्रक्रिया को रोकता है, जिससे LDL धमनियों में जमा होने लगता है. PCSK9 inhibitors को ब्रिटेन में 2015 में पहली बार लाइसेंस दिया गया था.

इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर एनएचएस ट्रस्ट और लंदन स्थित मायो क्लिनिक के कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रिकार्डो पेट्राको कहते हैं कि महत्वपूर्ण बात यह है कि ये दवाएं स्टैटिन्स के साथ मिलकर काम कर सकती हैं और बैड कोलेस्ट्रॉल को और भी कम कर सकती हैं. कुछ अध्ययनों में इस दवा से कोलेस्ट्रॉल में 70 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है. हालांकि PCSK9 inhibitors महंगी हैं. कुछ की कीमत सालाना 3,000 पाउंड तक होती है जबकि स्टैटिन्स एक मरीज के लिए साल में लगभग 20 पाउंड में मिल जाती हैं. इसलिए इन्हें आमतौर पर सिर्फ उन मरीजों के लिए सुझाया जाता है जिनमें हाई कोलेस्ट्रॉल पारिवारिक कारणों से होता है और किसी तरह से यह कंट्रोल में नहीं आता है.

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