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गाजियाबाद : थाने के बाहर हत्या करने वाले का एनकाउंटर

गाजियाबाद में मुरादनगर थाने के बाहर हत्या करने वाले आरोपी को पुलिस ने 48 घंटे के भीतर अरेस्ट कर लिया है। शुक्रवार की शाम खिमावती सुराना लिंक रोड पर आरोपी मोंटी चौधरी से पुलिस की मुठभेड़ हुई। पुलिस ने उसके दोनों पैरों में गोली मारी है।

घायल होकर मोंटी गिर पड़ा। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मोंटी ने रवि को क्यों मारा? इस पर पूछताछ की जा रही है।

पुलिस के मुताबिक, 18 जून की रात मोंटी और उसके एक साथी अजय का रवि और उसके पिता से घर के सामने से कार निकालने को लेकर झगड़ा हो गया था। आरोपियों ने रवि के घर पर 2 राउंड फायरिंग की। 45 मिनट बाद दरोगा रवि के घर पहुंचे। FIR दर्ज कराने के लिए सबको थाने बुला लिया। पिता और भाई के साथ रवि थाने पहुंचा, आरोपी भी पीछे-पीछे आ गए और रवि को गोली मार दी।

19 जून की सुबह गांव के लोगों ने मुरादनगर थाने के सामने रवि की लाश रख कर सड़क जाम कर दी। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने SO मुरादनगर शैलेंद्र सिंह तोमर, SI सूबे सिंह और बीट दरोगा मोहित सिंह को सस्पेंड कर दिया है। विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं।

हत्या की रात को क्या हुआ? ये समझने के लिए भास्कर टीम मुरादनगर हाईवे से 18km अंदर मिल्क रावली गांव पहुंची। यहां के माहौल में ही सन्नाटा था, जो लोग घरों के बाहर दिख रहे थे, उनके चेहरों पर गुस्सा-दर्द था। एक दुकान के बाहर हमें कुछ लोग मिले, उन्होंने बताया कि रवि शर्मा की 6 साल पहले ही शादी हुई थी। उनके पिता रविंद्र शर्मा कस्बे में बीज भंडार की दुकान चलाते हैं। पूरा परिवार बहुत मददगार है। परिवार के बारे में समझते हुए हम रवि के घर तक पहुंचे, जोकि रावली रोड पर था।

यहां हमें लोगों ने एक घर तक पहुंचा दिया। मगर परिवार के लोग पोस्टमॉर्टम हाउस पर थे। घर के अंदर आस-पड़ोस की महिलाएं बैठी थीं। इसके बाद टीम 12 Km दूर हिंडन नदी के पास पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंची। यहां हमारी मुलाकात रविंद्र शर्मा से हुई। वह कहते हैं- 18 जून को भतीजी घर आई थी, देर शात परिवार वाले ऑटो से सामान उतारकर अंदर रख रहे थे। तभी गांव में ही रहने वाले मोंटी और अजय आ गए, वो दोनों बलेनो कार से थे।

रवि से विवाद शुरू हुआ। रविंद्र ने कहा- तुम लोग गांव के ही हो, क्यों झगड़ते हो, ज्यादा जल्दी है, तो साइड से निकल जाओ। इस पर मोंटी ने धमकी दी- ठीक है… तुम्हें देख लेंगे। फिर मोंटी अपने दोस्त के साथ चला गया।

करीब 20 मिनट के बाद मोंटी और अजय दोनों बाइक पर रवि के घर के सामने आए। दरवाजे पर 2 राउंड फायर किया। इसके बाद वो दोनों वहां से निकल गए। पहले रवि और रविंद्र को लगा कि बच्चों ने बाहर पटाखे चलाएं हैं, रविंद्र ने खिड़की खोलकर देखी तो अजय और मोंटी जाते हुए दिखे। तब उन्हें मालूम हुआ कि घर पर हमला हुआ है।

इस बीच पड़ोसी इकट्‌ठा हो गए। रविंद्र ने 112 पर कॉल करके पुलिस बुला ली। दरोगा मोहित सिंह भी 4-5 सिपाहियों के साथ पहुंच गए। पुलिस ने पूरा मामला समझा, शिकायत भी ली। रविंद्र से दरोगा ने कहा कि आप थाने चलिए, हम FIR लिखवाएंगे। रविंद्र ने कहा- अभी मैंने खाना नहीं खाया है, सुबह आते हैं। रवि के भाई विकास दिल्ली में रहते हैं, उन्हें भी कॉल करके बुलाया गया।

इसके बाद रविंद्र, रवि, उनके भाई विकास और दो पड़ोसी थाने गए। पुलिस को शिकायत सौंप दी। इसके बाद सभी लोग थाने से बाहर निकल रहे थे। इसी बीच अजय और मोंटी वहां बाइक पर आ गए और उन्होंने गोली चला दी। पहली गोली रवि के कान के पास से निकली, फिर दूसरी गोली रवि के भाई की बाह की शर्ट को छूती हुई निकल गई।

तीसरी गोली रवि के पेट में लगी। रवि का भाई आरोपियों के पीछे भागा, मगर वह मेरठ रोड की तरफ भाग निकले। परिजन खून से लथपथ रवि को हॉस्पिटल ले गए, मगर रवि को बचाया नहीं जा सका। पड़ोसी कहते हैं- जब हमला हुआ, उन्होंने कुछ पुलिस वालों को वीडियो बनाते हुए देखा।

रविंद्र शर्मा ने कहा- मैं चिल्ला रहा था कि मेरा बेटा मार दिया। रवि जमीन पर गिर पड़ा और शरीर में कोई हरकत भी नहीं हो रही थी। वहां मौजूद एक भी सिपाही बचाने नहीं आया, चारों सिपाही वीडियो बनाते रहे। भले ही वह वीडियो को डिलीट कर दें या किसी को न दिखांए। लेकिन, यह सच्चाई है। सिपाही बचाते तो मेरे बेटे की जान बच सकती थी।

Umh News india

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