आखिर थाईलैंड ही क्यों भागे गोवा नाइट क्लब के मालिक लूथरा बंधु!
Goa Nightclub Fire: गोवा के रोमियो लेन नाइट क्लब में शनिवार देर रात भीषण आग लग गई, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद गोवा पुलिस ने नाइट क्लब के मालिकों, उसके मैनेजर और वहां देर रात आयोजित कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद पुलिस की एक टीम दो मुख्य आरोपियों गौरव और सौरभ लूथरा भाइयों का पता लगाने की उम्मीद में दिल्ली गई. लेकिन तब तक वे देश छोड़कर जा चुके थे.
अधिकारियों को पता चला कि आग लगने के कुछ ही घंटों के भीतर दोनों भारत से भाग गए थे. मुंबई हवाई अड्डे पर उपलब्ध इमिग्रेशन रिकॉर्ड के अनुसार दोनों व्यक्ति रविवार सुबह 5:30 बजे थाईलैंड के फुकेत के लिए उड़ान भर चुके थे. यानी त्रासदी के कुछ ही घंटे बाद. खोजी और फोरेंसिक टीमें नाइट क्लब के जले हुए मलबे की छानबीन कर रही हैं, जबकि गोवा हाल के दिनों की अपनी सबसे बुरी त्रासदियों में से एक से उबरने की कोशिश कर रहा है.
जब किसी गंभीर आपराधिक मामले के आरोपी देश छोड़कर भागते हैं, तो वे अक्सर किसी ऐसे देश को चुनते हैं जहां उन्हें पकड़ना या वापस लाना मुश्किल हो. लूथरा बंधुओं ने थाईलैंड (फुकेत) को क्यों चुना. इसके पीछे कुछ तार्किक कारण हो सकते हैं. हालांकि पुलिस ने आधिकारिक तौर पर उनके चुनाव के विशिष्ट कारण का खुलासा नहीं किया है. आइए समझते हैं कि उनके फुकेत जाने के पीछे क्या वजह हो सकती है.
थाईलैंड कई देशों के नागरिकों को, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देता है. या दूसरे शब्दों में कहें तो इसकी वीजा प्रक्रिया काफी सरल है. इसका मतलब है कि उन्हें भागने के लिए तत्काल में किसी लंबी-चौड़ी वीजा प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ा. आग लगने की घटना के कुछ ही घंटों बाद सुबह 5:30 बजे की फ्लाइट पकड़ने के लिए यह सुविधा निर्णायक रही होगी. इसके अलावा दिल्ली (जहां वे थे) से फुकेत के लिए उस समय एक सीधी उड़ान उपलब्ध थी (इंडिगो 6E 1073). आपातकालीन स्थिति में सीधी उड़ान सबसे तेज विकल्प होती है.
एक महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि भारत और थाईलैंड के बीच प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) साल 2015 से लागू है. यह संधि कानूनी रूप से थाईलैंड को अपराधी को वापस भारत को सौंपने के लिए बाध्य करती है. लेकिन, ऐसे मामलों में अपराधी अक्सर यह मानते हैं कि प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है. यह उन्हें गिरफ्तारी से बचने और देश में रहने के लिए कुछ समय दे सकता है, जिससे वे अपने कानूनी बचाव की योजना बना सकें.
फुकेत एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र है. यहां हर दिन बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं. ऐसे में किसी भारतीय के लिए यहां भीड़ में घुलमिल जाना और कुछ समय के लिए अपनी पहचान छिपाना आसान हो सकता है. जबकि पश्चिमी देशों या छोटे देशों में पहचान उजागर होने का खतरा अधिक होता है. लूथरा बंधुओं का आतिथ्य (Hospitality) बिजनेस भारत और चार अन्य देशों में फैला हुआ है. यह संभव है कि थाईलैंड में उनके व्यावसायिक, निजी संपर्क या फाइनेंशियल नेटवर्क मौजूद हों जो उन्हें तुरंत आश्रय और सहायता प्रदान कर सकें.
गोवा पुलिस अब लूथरा बंधुओं को वापस लाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के इंटरपोल प्रभाग के साथ मिलकर काम कर रही है. पुलिस जल्द ही उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस (Blue Corner Notice) जारी करने का अनुरोध कर सकती है. इस तरह के नोटिस से एजेंसियों को आपराधिक जांच के दौरान किसी व्यक्ति की पहचान, ठिकाने या गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिलती है.
नाइट क्लब निर्माण में कई चूकें
शुरुआती जांच से पता चलता है कि रोमियो लेन के नाइट क्लब में कई गंभीर उल्लंघन हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि क्लब एक पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में चल रहा था, जो तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के अंतर्गत आने वाला एक पूर्व साल्टपैन है, जहां इंटरटाइडल पैच में निर्माण की अनुमति नहीं है. नदी के किनारे स्थित होने और संकरी पहुंच सड़कों ने स्थिति को और भी बदतर बना दिया. आग लगने के बाद भी यही संकरी गलियां देरी का कारण बनती रहीं, क्योंकि आपातकालीन दल अपनी फायरब्रिगेड गाड़ियों को इमारत के काफी करीब नहीं ले जा पाए.

