बांके बिहारी में भगवान का अभिषेक हुआ, मंगला आरती 600 भक्तों ने की, सीमित श्रद्धालुओं को एंट्री
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मंगलवार को भी आस्था, भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया गया। वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में देर रात एकांत में भगवान का अभिषेक किया गया। इसके बाद वर्ष में एक बार होने वाली मंगला आरती की गई। रंगनाथ मंदिर में भी मध्य रात को भगवान का अभिषेक हुआ।
मंगला आरती कर निहाल हुए भक्त
भगवान बांके बिहारी लाल की वर्ष में एक बार जन्माष्टमी के अवसर पर मंगला आरती की जाती है। देर रात 2 बजे होने वाली इस मंगला आरती के दर्शनों के लिए श्रद्धालु आतुर नजर आते हैं। लेकिन, इस बार इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद 600 भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश दिया गया। इसकी वजह से हजारों भक्त मायूस नजर आए। जिन भक्तों ने बांके बिहारी जी की आरती की वह अपने को धन्य महसूस कर रहे थे।
मंगलवार – बुधवार की मध्य रात को जैसे ही 12 बजे बांके बिहारी मंदिर में भगवान का अभिषेक किया गया। यहां मंदिर के पुजारियों ने एकांत में भगवान बांके बिहारी लाल का दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत अभिषेक किया। इसके बाद भगवान का पवित्र नदियों के जल से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद जन जन के आराध्य भगवान बांके बिहारी लाल का श्रृंगार किया गया।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान बांके बिहारी लाल को विशेष पोशाक धारण कराई गई। दिल्ली,कोलकाता के कारीगरों द्वारा तैयार की गई पीतांबरी पोशाक धारण किए भगवान बांके बिहारी लाल की छवि बेहद ही आकर्षक लग रही थी। भक्त अपने लाडले को निहारते ही रह गए।
दक्षिण भारतीय शैली के उत्तर भारत के सबसे विशालतम रंगनाथ मंदिर में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मंगलवार को मनाया गया। यहां मध्य रात को मंत्रों के बीच नारद पांचरात्र विधि से भगवान बाल गोपाल का अभिषेक किया गया। मंदिर के महंत गोवर्धन रंगाचार्य महाराज ने भगवान का सहस्त्र धारा अभिषेक किया।