शामली में 50 हजार का इनामी सामा एनकाउंटर में ढेर, सिपाही के लगी गोली
शामली में 50 हजार का इनामी बदमाश समयदीन उर्फ सामा मुठभेड़ में मारा गया है। एक सिपाही भी हाथ में गोली लगने से घायल हुआ है। पुलिस को देर रात इनपुट मिला कि समयदीन शामली में है और भागने की फिराक में है। इसके बाद पुलिस ने रात 2 बजे घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही उसने फायरिंग की।
जवाब में पुलिस ने भी फायर किया। इसमें समयदीन को गोली लग गई। वह जमीन पर गिर पड़ा। पुलिस उसे अस्पताल ले गई, जहां उसकी मौत हो गई। मौत से पहले पूछताछ में समयदीन ने बताया कि शामली में दो महीने पहले (18 अक्टूबर) हुए एनकाउंटर में मारा गया नफीस उसका साथी था। 40 साल का समयदीन शामली के ही कांधला का रहने वाला था।
अभी कर्नाटक के तुमकूर में रहता था। 18 अक्टूबर शामली में एनकाउंटर के दौरान मारे गए बदमाश नफीस के साथ था। लेकिन, मौका पाकर भाग निकला था। पुलिस के मुताबिक, सामा यूपी में वारदात करने के बाद कर्नाटक भाग जाता था। उसके खिलाफ 23 मुकदमे दर्ज थे। उसके पास से 9 mm की पिस्टल और एक तमंचा मिला है।
- पुलिस के मुताबिक, सहारनपुर बॉर्डर के थानों में पिछले 10 दिनों से डकैतों की सक्रियता देखी गई। लगातार 100 नंबर पर सूचना मिलने के बाद थाना भवन और बाबरी थाना पुलिस के अफसर एसएचओ विंदा रावत और एसओ राहुल सिसोदिया के नेतृत्व में डकैतों की तलाश में जुटे थे।
- आज उन्हें सूचना मिली कि ग्राम भरसानी की भट्ठी के पास डकैतों का गिरोह घटना को अंजाम देने की फिराक में है। पुलिस ने मौके पर घेराबंदी की। बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई में समयदीन को भी गोली लगी।
- उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। समयदीन के साथ गिरोह के पांच और सदस्य थे, जो मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए। उनकी तलाश जारी है।
समयदीन 18 अक्टूबर को एनकाउंटर में मारे गए नफीस का साथी था। नफीस 16 अक्टूबर को अपनी साली की शादी में शामिल होने के लिए शामली के भाभीसा गांव आया था। यहीं पर पुलिस ने 18 अक्टूबर को उसका एनकाउंटर कर दिया था। नफीस कांधला गांव के मुहल्ला खैल का रहने वाला था। उसके पिता का नाम मोहम्मद मूदा है। नफीस पर हत्या, लूट और डकैती के 34 मुकदमे दर्ज थे और वह पिछले 3 साल से फरार था।

