हर्षा रिछारिया वृंदावन से संभल तक पदयात्रा करेंगी, बांके बिहारी के दर्शन किए
प्रयागराज महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया गुरुवार को मथुरा के वृंदावन पहुंचीं। उन्होंने राधा वल्लभ मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद बांके बिहारी मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लिया। फिर वह श्रीराम मंदिर आश्रम पर पहुंचीं।
हर्षा ने कहा, उन्हें लगता है कि समाज में जागरूकता के लिए अभी बहुत सारे धार्मिक आयोजनों की जरूरत है। उन्होंने 14 अप्रैल से वृंदावन से संभल तक ‘सनातनी युवा जोड़ो’ पदयात्रा निकालने का ऐलान किया है।
हर्षा रिछारिया ने बताया- मैं 14 अप्रैल को वृंदावन के श्रीराम मंदिर से ‘सनातनी युवा जोड़ो पदयात्रा’ शुरू करूंगी। यह यात्रा 21 अप्रैल तक चलेगी। 175 किलोमीटर की यह पदयात्रा अलीगढ़ होकर संभल तक जाएगी। इसके जरिए मैं सनातनी युवाओं को जोड़ूगीं।
हर्षा ने एक हफ्ते तक चलने वाली इस पदयात्रा का उद्देश्य भी बताया। उन्होंने कहा- अभी समाज को जागरूक करने के लिए धार्मिक आयोजनों की जरूरत है। युवा बहुत जागरूक हो रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं। हमारे धर्म में साधु-संत हम जैसे युवाओं को निर्देश देते हैं। फिर भी कुछ और आयोजनों की जरूरत है, जिससे हम सनातनी भाई-बहनों को जोड़ते हुए आगे बढ़ें।
संभल तक पदयात्रा करने के सवाल पर हर्षा रिछारिया ने कहा- मथुरा-वृंदावन की जब हम बात करते हैं, तो यह भगवान विष्णु की अष्ट अवतार की भूमि है। यहां पर उनका 8वां अवतार हुआ था। जबकि संभल वह स्थान है, जहां भगवान हरि विष्णु का कल्कि अवतार होगा। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि यह कोई बड़ा मुद्दा है। मुझे लगता है कि उस दिशा में जाना चाहिए और जागरूकता लानी चाहिए। अगर हम यात्रा को वृंदावन से शुरू कर संभल में समाप्त करते हैं, तो यह बहुत सही रहेगा।
बातचीत करते हुए हर्षा रिछारिया ने कहा- मैं चाहती हूं कि सभी लोग सनातन समाज का हिस्सा बनें। देश के सभी लोग इससे जुड़ें। इससे देश में खुशी होगी। संभावना है कि इस यात्रा की शुरुआत 200 लोगों के साथ करेंगे। इसके बाद यह यात्रा क्या रुख लेगी, यह आने वाला समय बताएगा।
अभी भी कुछ लोग मुझे पसंद कर रहे, कुछ नहीं कर रहे महाकुंभ में ट्रोल हुई हर्षा रिछारिया ने कहा- अभी भी कुछ लोग हैं, जो मुझे पसंद कर रहे हैं। इसी समाज के कुछ लोग मुझे नहीं पसंद कर रहे। समाज में हर तरीके के लोग होते हैं। जरूरत नहीं कि आपका हर इंसान समर्थन करे। यह कलयुग है। बहुत से लोग भगवान को भी दोषी करार दे देते हैं। हम तो केवल इंसान हैं।
हर्षा के इंस्टाग्राम पर 18 लाख फॉलोअर्स हर्षा मूलरूप से मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन उत्तराखंड में रहती हैं। वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक धारण करती हैं। वह आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की शिष्या हैं। महाकुंभ में पेशवाई के रथ पर बैठने से हर्षा खूब चर्चा में आईं थीं। उनके इंस्टाग्राम पर 18 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। हर्षा इंस्टाग्राम पर धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं।