संत रामपाल महाराज के सानिध्य में विशाल सत्संग एवं नाम दीक्षा
गढ़ाकोटा (राधेलाल साहू), पहली बार संत रामपाल जी महाराज के पावन सानिध्य में सागर एवं दमोह जिला स्तरीय विशाल सत्संग तथा निशुल्क नाम दीक्षा कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।
यह आयोजन सरदार वल्लभभाई पटेल ऑडिटोरियम, गढ़ाकोटा जिला सागर (म.प्र.) में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पंडित श्री गोपाल भार्गव जी के सुपुत्र श्री अभिषेक (दीपू) भार्गव भैया उपस्थित रहे। उन्होंने सत्संग का आनंद लिया तथा संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं एवं सत्संग गुरुभाइयों द्वारा की गई उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में गुरुभाइयों ने शांतिपूर्ण एवं अनुशासित रूप से सहभागिता की। गढ़ाकोटा में इस प्रकार का आयोजन पहली बार हुआ, जिसे ऐतिहासिक और सफल माना जा रहा है।
शास्त्रों का सत्य उजागर: संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से स्पष्ट हो रही ईश्वर प्राप्ति की विधि
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग के माध्यम से आध्यात्मिक जागरण, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ज्ञान समझा है।
रविवार, 23 नवंबर 2025 — स्थान गढ़ाकोटा (सागर) में बीते रविवार एक दिवसीय विशाल सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संत रामपाल जी महाराज का प्रवचन एलसीडी के माध्यम से प्रसारित हुआ। यह आयोजन आध्यात्मिक चेतना और नैतिक मूल्यों को जागृत करने हेतु किया गया, जिसमें क्षेत्र भर से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर सत्संग का लाभ उठाया।
संत रामपाल जी महाराज के सत्संग में बताया है कि उनके बताए हुए ज्ञान से उन्हें पहली बार समझ आया है कि ईश्वर को पाने का असली तरीका क्या है। संत रामपाल जी महाराज शास्त्रों के सटीक उदाहरण देकर बताते हैं कि मोक्ष पाने का रास्ता बहुत आसान है, बस सही गुरु से सही नाम-दीक्षा लेकर नियमपूर्वक भक्ति करनी होती है।

संत रामपाल जी महाराज समझाते हैं कि वेद, गीता, पुराण और अन्य पवित्र ग्रंथों में कहीं भी यह नहीं लिखा कि कठिन तपस्या, व्रत रखना, दान-पुण्य, तीर्थ यात्रा, पूजा-पाठ या किसी भी तरह की मनमानी पूजा से मोक्ष मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया है कि यह सब केवल परंपराएँ हैं, जबकि शास्त्र इनमें से किसी को भी मोक्ष का तरीका नहीं मानते । ईश्वर प्राप्ति केवल तभी संभव है जब साधक शास्त्रों में बताए गए मार्ग पर चले।
सत्संग में आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि पहले वे धर्म के नाम पर कई तरह की प्रथाएँ अपनाते थे, लेकिन उन्हें वास्तविक ज्ञान नहीं था। संत रामपाल जी महाराज ने जब ग्रंथों के प्रमाण दिखाकर समझाया कि मनमानी पूजा से लाभ नहीं मिलता, तो उनके मन के संदेह दूर हो गए। इसी कारण आज बड़ी संख्या में लोग शास्त्रों का सत्य समझकर भक्ति मार्ग पर चल रहे हैं।
भक्तों का कहना है कि सही ज्ञान मिलने के बाद उनके जीवन में कई अच्छे बदलाव आए हैं। परिवार में शांति बढ़ी है, नशा और खराब आदतें छोड़ दीं, और मन पहले की तुलना में अधिक स्थिर और प्रसन्न रहने लगा है। कई लोग कहते हैं कि पहले उन्हें लगता था कि ईश्वर प्राप्ति बहुत कठिन है, लेकिन अब समझ आ गया है कि वह बिल्कुल सरल है—बस सही जानकारी और सही मार्ग की जरूरत होती है।
कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं ने ज्ञान प्राप्त कर आत्मकल्याण की राह पर चलने का संकल्प लिया। सत्संग का समापन श्रद्धा और शांति के वातावरण में हुआ, जिसने सभी के अंतःकरण को छू लिया।

