IIT छात्रा रेप केस-ACP अलग नंबर से करता था कॉल, पीड़ित ने SIT को सौंपे सबूत
कानपुर आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर के यौन उत्पीड़न मामले में एसआईटी और फोरेंसिक टीम शुक्रवार सुबह आईआईटी हॉस्टल पहुंची। यहां टीम ने कर्मचारियों और छात्रा से बात की। चार-पांच घंटे तक टीम यहां रही। इस दौरान छात्रा ने कॉल रिकॉर्डिंग, फोटो, वीडियो और सोशल मीडिया पर आरोपी से हुई चैटिंग जैसे सबूत एसआइटी को सौंप दिए।
इसके साथ ही जांच टीम को ACP मोहसिन खान का आईकार्ड मिला है। इसमें इमरजेंसी नंबर वाले स्लॉट में छात्रा का मोबाइल नंबर लिखा हुआ है।
पुलिस की एक टीम ने सीसीटीवी फुटेज जुटाए। इसके साथ ही छात्रा का मेडिकल कराने के बाद बयान दर्ज किए गए। अब शनिवार यानि आज मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज होंगे। एसआईटी ने आईआईटी कैंपस से अपनी जांच शुरू की है। जांच में पता चला कि आरोपी मोहसिन पीड़िता से बात करने के लिए अलग नंबर ले रखा था। जांच टीम मोहसिन के हॉस्टल में आने-जाने के फुटेज लेकर गई है।
वहीं FIR दर्ज होने के 3 घंटे पहले आरोपी ने हैलट जाकर मेडिकल बनवा लिया। डॉक्टर ने रीड़ की हड्डी की बीमारी दिखाते हुए उसे हैलट से रेफर कर दिया।
गुरुवार को साइबर क्राइम ब्रांच में तैनात ACP मोहसिन खान पर रेप का मुकदमा दर्ज हुआ। एआफईआर दर्ज होने के बाद मोहसिन को लखनऊ हेडक्वार्टर से अटैच कर दिया गया। पुलिस कमिश्नर ने महिला एडीसीपी के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी। यह टीम अब जांच कर रही है।
इसी कड़ी में आईआईटी में पुलिस की एक टीम ने छात्रा के हॉस्टल के बाहर, मेस और क्लासरूम समेत कई जगह के सीसीटीवी फुटेज जुटाए। फुटेज में आरोपी एसीपी और छात्रा को एक साथ देखा गया है।छात्रा के हॉस्टल के रजिस्टर में एसीपी के आने-जाने की एंट्रियां भी साक्ष्य के तौर पर पुलिस ले गई है। जांच टीम ने सीसीटीवी फुटेज को बतौर साक्ष्य जांच में शामिल किया है।
इसके साथ ही फोरेंसिक टीम भी छात्रा के रूम में जांच करने के लिए पहुंची। जांच टीम में शामिल अफसरों की मानें तो फोरेंसिक टीम के हाथ भी बेहद अहम साक्ष्य लगे हैं। फोरेंसिक टीम ने जांच के लिए छात्रा के मोबाइल को भी कब्जे में लिया है। सूत्रों की मानें एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान एफआईआर दर्ज होने से तीन घंटे पहले करीब 3 बजे हैलट अस्पताल पहुंचा। यहां उसने स्पाइन डिसीज से संबंधित एक मेडिकल बनवाने का प्रयास किया। डॉक्टर ने रीड़ की हड्डी की बीमारी दिखाते हुए उसे हैलट से रेफर कर दिया।
इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संजय काला से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन मेडिकल बनने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से लेकर डॉक्टर तक एसीपी के मेडिकल को लेकर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है।
जांच टीम के अफसरों का कहना है कि मोहसिन को साइबर क्राइम की अच्छी जानकारी है। ऐसे में वह छात्रा से बात करने के लिए सावधानी बरतते थे। मगर इसके बाद भी छात्रा ने उसकी चैटिंग और कॉल रिकॉर्डिंग अपने पास सुरक्षित रख ली थी। जिसे उसने टीम को सौंपी है।
छात्रा ने गुरुवार को ACP के खिलाफ कल्याणपुर थाने में FIR दर्ज कराई। इसमें बताया कि ACP ने प्यार में फंसाकर उससे रेप किया। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर गुरुवार को DCP साउथ अंकिता शर्मा और ACP अर्चना सिंह सिविल ड्रेस में IIT पहुंचीं। दोनों महिला अफसरों ने पूछताछ की। आरोप सही पाया गया। इसके बाद एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है।
आरोपी ACP के खिलाफ भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा-69 के तहत FIR दर्ज की गई है। इसके तहत किसी महिला को धोखे में रखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। अगर ACP पर आरोप सही साबित होता है, तो उन्हें 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
मोहसिन पर धारा-69 बीएनएस में नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस धारा में 10 साल की सजा है। लेकिन अब तक एसीपी मोहसिन की गिरफ्तारी न होने पर जानकार हैरान हैं। कानपुर बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री कपिलदीप सचान ने बताया कि 7 साल से ऊपर की सजा के मामले में आम आदमी की तुरंत गिरफ्तारी हो जाती है।
इस मामले में तो सजा 10 साल की है। एक राजपत्रित अधिकारी ने घृणित अपराध किया है तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। ये गलत है। एसीपी मोहसिन खान को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। सिर्फ अधिवक्ता ही नहीं सोशल मीडिया पर भी एसीपी की अरेस्टिंग को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की कार्रवाई पर लोग सवाल उठा रहे हैं।