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कासगंज : पुलिस ने ग्रामीणों को दौड़ाकर पीटा, चोरी की जांच करने पहुंची थी पुलिस

कासगंज में चोरी की जांच करने पहुंची पुलिस से ग्रामीणों की हाथापाई हो गई। पुलिस ने ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। CO का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें वह एक व्यक्ति को जमीन पर गिराकर घूसे मार रहे हैं। ग्रामीणों ने पुलिस पर घरों में घुसकर तोड़फोड़ के आरोप भी लगाए हैं।

यह घटना शनिवार को पटियाली थाना क्षेत्र के देउरईया गांव की है। रविवार को घटना से जुड़े वीडियो सामने आए। पुलिस ने मामले में 21 नामजद समेत 20 अज्ञात के खिलाफ बलवा, पथराव और हमला करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

पुलिस ने 8 लोगों को हिरासत में लेकर सभी पर शांतिभंग की कार्रवाई की। घटना के बाद गांव में गुस्सा और तनाव है। कई थानों की फोर्स गांव में लगा दी गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की बर्बरता का वीडियो बना रहे लोगों के फोन पुलिस ने तोड़ दिए। झड़प के दौरान घायल हुए धर्मवीर को पटियाली अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पटियाली थाना क्षेत्र के देउरईया गांव में शुक्रवार को मूलचंद्र के घर में चोर नकब लगाकर अंदर घुसे और अलमारी में रखी चार–पांच सोने की अंगूठियां, तीन जोड़ी पाजेब, अन्य आभूषण समेत डेढ़ लाख रुपए नकद चोरी कर लिए। चोरी की शिकायत मुलचंद्र ने पटियाली थाने में की। शिकायत दर्ज कराने के बाद शनिवार को इंस्पेक्टर राधेश्याम और सीओ आर.के. पांडेय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

पूछताछ के दौरान सीओ और इंस्पेक्टर ने पीड़ित परिवार से कहा कि चोरी के समय सो रहे थे, घर की रखवाली नहीं कर सकते। इस बात पर ग्रामीण नाराज हो गए और पुलिस से नोकझोंक होने लगी। बात इतनी बढ़ी की पुलिस और ग्रामीणों के बीच मारपीट शुरू हो गई।

पुलिस ने महिलाओं और पुरुषों सभी को पीटा और घरों में जमकर तोड़फोड़ की। वहीं, पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने पथराव किया, जिससे पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। घटना में पुलिस की मारपीट के कई वीडियो सामने आए हैं। लेकिन ग्रामीणों के पथराव का कोई वीडियो सामने नहीं आया है।

वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मौके पर चोरी की जांच कर रहे थे, तभी भारतीय किसान यूनियन स्वराज के प्रदेश महासचिव कुलदीप बघेल पहुंचे और पुलिस पर चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगाकर ग्रामीणों को भड़काया, जिसके बाद पथराव हुआ।

पुलिस ने 21 नामजद ग्रामीणों सहित 15–20 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, पथराव और लाठी-डंडों से हमला करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। गांव में इस समय तनाव और दहशत का माहौल है।

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट से बौखला गई और भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचकर लाठीचार्ज किया, पुरुषों और महिलाओं को पीटा और घरों में तोड़फोड़ की। कूलर, चारपाई, चूल्हे आदि तोड़ दिए गए। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पुलिस के बर्बर व्यवहार के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जबकि पथराव का कोई प्रमाण पुलिस पेश नहीं कर सकी है। इसको लेकर गांव में रोष और भय दोनों व्याप्त हैं।

वहीं, पीड़ित मूलचंद की रिश्तेदार बेबी ने बताया कि उसके घर में चोरी हुई थी। चोर तीन लोगों के जेवर और गेहूं खरीदने के लिए रखे 50 हजार रुपये चोरी करके ले गए। जब बाहर पुलिस और ग्रामीणों के बीच झगड़ा हो रहा था, तब वह घर के अंदर थी। बेबी ने बताया कि जब वह बाहर निकली और बचाने गई तो पुलिस ने घर के ही लोगों को पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद वे डर कर भाग गए, जबकि अन्य लोगों को पुलिस पकड़कर ले गई और डंडों से पीटा।

वहीं, किसान नेता कुलदीप बघेल के रिश्तेदार दीपक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घर में तोड़फोड़ की और पूरे मकान को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें इस अन्याय के खिलाफ न्याय मिलना चाहिए। जब पुलिस गांव में लोगों को मार रही थी, तब धर्मेंद्र ने इसका वीडियो बनाया, लेकिन पुलिस ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया और अपने साथ ले गई। अब गांव में हालात ऐसे हैं कि लोग पुलिस के डर से घर छोड़कर बाहर भाग गए हैं।

गांव की महिला अनीता ने बताया कि उन्हें पुलिस के एक दरोगा ने पीटा, जिससे उन्हें चोट आई है। वहीं किसान नेता कुलदीप बघेल की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे को जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा और जब उन्होंने रोकने की कोशिश की तो उन्हें भी डंडे से मारा गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके छोटे बेटे का हाथ भी तोड़ दिया। गांव की अन्य महिलाओं का कहना है कि जब उन्होंने डर के मारे घर के किवाड़ नहीं खोले तो पुलिस ने जबरन गेट तोड़ दिए और अंदर घुसकर मारपीट की।

Umh News india

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