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खुर्जा : भगवान श्री राम सहित चारों भाईयों का हुआ नामकरण संस्कार

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खुर्जा, रामलीला महोत्सव कमेटी के अंतर्गत आज छोटी होली स्थित गंगा मंदिर में अयोध्या नरेश महाराजा दशरथ के चार राजकुमारों का नामकरण संस्कार हुआ .. इस कार्यक्रम को पंडित आचार्य वेद प्रकाश शर्मा जी एवं पंडित प्रेम प्रकाश शर्मा जी ने बहुत ही सुंदर तरीके से नामकरण संस्कार संपन्न कराया..

जन्म के पश्चात महाराजा दशरथ द्वारा गुरु वशिष्ठ को चारों पुत्रों के नामकरण के लिए ससम्मान आमंत्रित किया …अयोध्या में चारो राजकुमारों के जन्म से ही चारों तरफ हंसी खुशी का माहौल था.. अयोध्या अपनी अनुपम सौंदर्य से सभी का मन मोहित कर रही थी ..चारों ओर खुशी के माहौल के बीच गुरु वशिष्ठ ने राजमहल पहुंचकर चारों पुत्रों का नामकरण किया ..
इन्हेक नाम अनेक अनुपा, में नृप कहय स्वमति अनुरूपा..ll गुरु वशिष्ठ ने श्री रामचंद्र जी का नाम करण करते हुए कहा
जो आनंद सिंध सुख राशि,
सीकर ते त्रिलोक सुपासी l
जो सुखधाम राम अस्नामा,
अखिल लोक दायक विश्रामा।।
इसके पश्चात उन्होंने भरत का नाम रखते हुए कहा जो विश्व का पोषण करने वाले हैं, मैं उनका नाम भरत रखता हूं ..
इसके पश्चात उन्होंने शत्रुघ्न का नाम रखते हुए कहा ,जिनके नाम से ही शत्रु का विनाश हो जाता है ,उनका नाम मैं शत्रुघ्न रखता हूं .. लक्ष्मण जी का नाम रखते हुए उन्होंने कहा, जो राम के प्रिय हैं ..तथा सक्ल जगत के आधार हैं ..मैं उनका नाम लक्ष्मण कर रखता हूं
इसके साथ राजा दशरथ सहित महल में चारों राजकुमारों के नामकरण के साथ अपना सभी कुछ अयोध्या वासियों में लुटा दिया ..उन्होंने गुरु वशिष्ठ को उपहारों एवम दक्षिणा के साथ विदा किया..
चारों तरफ खुशी का माहौल हो गया …इससे पूर्व पृथ्वी पर राक्षसों एवं दुराचारियों का भार पृथ्वी पर पड़ने पर नाग, गंधर्व ,किन्नर सहित सभी जीव इनके अत्याचारों से पीड़ित हो गए..
पराए धन तथा पराई स्त्रियों पर निगाह रखने वाले दुराचारी से मां पृथ्वी भी व्याकुल हो गई ..
मां पृथ्वी ने गाय का रूप धारण किया तथा देवस्थानों पर अपनी पीड़ा बताने लगी.. देवताओं से कोई उत्तर न मिलने पर वह देवताओं सहित ब्रह्मा जी के पास गई ..ब्रह्मा जी ने उनकी पीड़ा को सुनकर उन्हें श्री हरि के पास जाने को कहा ..
सभी देवताओं के साथ वह श्री हरि के पास गई ,तब विष्णु भगवान ने घनघोर आकाशवाणी करते ,हुए कहा कि मैं राक्षसों का विनाश करने के लिए अपने अंश सहित सूर्यवंश में अवतार लूंगा …
तथा राक्षसों का विनाश करूंगा …उन्होंने सभी देवताओं को वानर का रूप धारण करने तथा अवधपुरी में जाने का निर्देश दिया.. रघुनंदन ने महाराजा दशरथ के यहां जन्म लिया …उनके जन्म पर नाग ,किन्नर, गंधर्व सहित सभी मनुष्यों ने प्रसन्न होते हुए पुष्प वर्षा की …

इस अवसर पर पुनीत साहनी प्रधान, सचित गोविल महामंत्री. दीपक गर्ग जनरल मैनेजर, सचिन बंसल कोषाध्यक्ष, अशोक टिमी, चंद्र प्रकाश तायल मीडिया प्रभारी, विनीत आर्य सोशल मीडिया प्रभारी, पंडित अनिल शर्मा ,पंडित अशोक पालीवाल ,दिनेश सिंह ,अंकित गर्ग , शुभम गुप्ता ,आशीष गोयल, अरुण गर्ग ,नवीन कुमार ,योगेश मित्तल, आशीष यादव सहित लोग उपस्थित थे ..

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