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Kulgam Encounter: लश्कर का टॉप कमांडर रहमान भाई ढेर

कुलगाम जिले में हुई एक बड़ी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष कमांडर अब्दुल रहमान उर्फ रहमान भाई को मार गिराया. रहमान भाई का नाम घाटी में आतंक के सबसे खतरनाक चेहरों में गिना जाता था. उनकी मौत को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. रविवार देर रात से शुरू हुए इस एनकाउंटर में कुलगाम के एक गांव को सुरक्षा बलों ने घेर लिया था. खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया. जैसे ही आतंकियों ने गोलीबारी शुरू की, जवाबी कार्रवाई में रहमान भाई मारा गया.

रहमान भाई का असली नाम अब्दुल रहमान था. वह 2005 से लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और संगठन में डिविजनल कमांडर के पद तक पहुंचा. घाटी में फैले उसके नेटवर्क के कारण वह पाकिस्तान के आकाओं के सबसे भरोसेमंद आतंकी कमांडरों में गिना जाता था. पिछले एक दशक से ज्‍यादा समय से वह सुरक्षा एजेंसियों की वांछित सूची में शामिल था. सूत्रों के अनुसार, रहमान भाई घाटी में लश्कर की रणनीति तय करने, हथियारों की आपूर्ति कराने और नए युवाओं की भर्ती कराने में अहम भूमिका निभाता था. वह कई बार स्थानीय युवाओं को उकसाकर आतंकी संगठनों में शामिल कराता और हथियार उठाने पर मजबूर करता था.

सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, रहमान भाई दर्जनों आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है. एक साल पहले हुई घटना में तीन युवतियों की हत्या का आरोप भी उस पर था. इसके अलावा वह कई ग्रेनेड हमलों, सुरक्षाबलों पर घात लगाकर की गई फायरिंग और नागरिकों की हत्या में शामिल रहा. कहा जाता है कि रहमान भाई का काम सिर्फ हमला करना ही नहीं था, बल्कि पाकिस्तान से आने वाली फंडिंग और हथियारों को घाटी तक पहुंचाना भी उसकी जिम्मेदारी थी. यही कारण था कि सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से उसकी तलाश में थीं.

कुलगाम में हुए इस एनकाउंटर को खुफिया सफलता माना जा रहा है. सुरक्षाबलों को पुख्ता सूचना मिली थी कि रहमान भाई अपने साथियों के साथ एक घर में छिपा है. इलाके को तुरंत सील कर दिया गया और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. इसके बाद घेराबंदी कर आतंकियों से आत्मसमर्पण करने को कहा गया, लेकिन रहमान भाई ने जवाबी गोलीबारी की. करीब तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने रहमान भाई को मार गिराया. घटना स्थल से एके-47 राइफल, पिस्तौल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया.

क्‍यों खास ये एनकाउंटर
रहमान भाई की मौत लश्कर-ए-तैयबा के लिए करारा झटका है. घाटी में उसकी पकड़ मजबूत थी और वह संगठन का चेहरा बन चुका था. उसके मारे जाने से लश्कर की कमान और मनोबल दोनों पर असर पड़ेगा. कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जैसे दक्षिणी कश्मीर के इलाकों में पिछले कुछ महीनों में आतंकवादी गतिविधियाँ तेज हुई थीं. सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार इन इलाकों में अभियान चला रही हैं. रहमान भाई के मारे जाने के बाद उम्मीद है कि यहां सक्रिय आतंकी मॉड्यूल कमजोर पड़ेंगे.

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