लखनऊ : अपर्णा यादव की मां पर FIR, प्रियदर्शनी-जानकीपुरम योजना में घोटाले में नाम
राजधानी लखनऊ की बहुचर्चित प्रियदर्शनी-जानकीपुरम योजना में भूखंड आवंटन घोटाले में अपर्णा यादव की मां और LDA की तत्कालीन संपत्ति अधिकारी अंबी बिष्ट के खिलाफ FIR हुई है। इस मामले की जांच 2016 से चल रही थी थी। सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की खुली जांच में तत्कालीन 5 अफसर दोषी पाए गए हैं।
शासन ने पांचों अफसरों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद लखनऊ स्थित विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई। अंबी बिष्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण में संपत्ति अधिकारी रहने के बाद लखनऊ नगर निगम में कर अधिकारी के तौर पर पदस्थ रहीं। करीब एक साल पहले 30 सितंबर 2024 को वह रिटायर हुई थीं।
जांच में पाया गया कि तत्कालीन संपत्ति अधिकारी अंबी बिष्ट ने रजिस्ट्री और विक्रय विलेख (सेल डीड) पर हस्ताक्षर किए थे। तत्कालीन अनुभाग अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने कब्जा पत्र जारी किए, जबकि उपसचिव देवेंद्र सिंह राठौड़ ने आवंटन पत्र जारी किए।
वरिष्ठ कास्ट अकाउंटेंट सुरेश विष्णु और अवर वर्ग सहायक शैलेंद्र कुमार गुप्ता पर भी फर्जी अभिलेख तैयार कर भूखंडों का गलत मूल्यांकन करने का आरोप है। विजिलेंस की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इन पांचों अधिकारियों ने स्वर्गीय मुक्तेश्वर नाथ ओझा के साथ मिलकर आवंटन में हेरफेर की।
सभी दस्तावेजों पर मौजूद हस्ताक्षरों की पुष्टि विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) से कराई गई, जो सही पाई गई। अब शासन ने धारा 120-बी आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू करने का आदेश दिया है।
अंबी बिष्ट उत्तर प्रदेश महिला आयोग की वर्तमान उपाध्यक्ष अपर्णा यादव की मां हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद वे अक्सर अखिलेश यादव और विपक्षी दलों पर बयान देती रही हैं। ऐसे में एफआईआर की इस कार्रवाई ने सियासी हलचल बढ़ा दी है।
2016 में शासन ने इस प्रकरण की खुली जांच का आदेश दिया था। कई रिपोर्ट आने, समीक्षा और मंजूरी के बाद 18 सितंबर 2025 को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया। इसके बाद लखनऊ विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
इधर लखनऊ में मां अंबी बिष्ट पर एफआईआर दर्ज की गई और उधर अपर्णा यादव सुल्तानपुर जिला जेल दौरे में पहुंचीं। उन्होंने महिला बंदियों से मुलाकात की। इसके बाद जब वह बाहर निकलीं तो मीडिया ने उनकी मां पर एफआईआर दर्ज होने पर उनसे प्रतिक्रिया पूछी। इस पर उन्होंने कहा- ‘नो कमेंट’।
इसके बाद वह राहुल गांधी पर बोलने लगीं। उन्होंने हाइड्रोजन बम वाले बयान पर कहा- ‘वोट चोरी करना या न करना एक विषय है’, कांग्रेस से ज्यादा वोट चोरी किसने की है? बोफोर्स क्या है? गूगल पर सर्च कर लीजिए, कांग्रेस की पोल खुल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से राष्ट्र विरोधियों की नींद खराब हो गई है।
यह है पूरा मामला…
प्रियदर्शनी-जानकीपुरम योजना, लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की महत्वाकांक्षी आवासीय परियोजना थी। इसे शहर के उत्तरी हिस्से में आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 2010 के दशक की शुरुआत में लॉन्च किया गया था।
2016 में जांच में खुलासा हुआ कि योजना के कई भूखंडों के आवंटन में गंभीर गड़बड़ियां की गईं। कब्जा पत्र, आवंटन पत्र और रजिस्ट्री में नियमों की अनदेखी करते हुए फर्जी तरीके से बदलाव किए गए थे। प्रियदर्शिनी योजना के सेक्टर-सी में एलडीए की ओर से करीब 308 आवासों का निर्माण कराया जा रहा था। इसमें थ्री बीएचके, टू बीएचके, एलआईजी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान शामिल थे। इसके लिए वर्ष 2014-15 में लगभग 20 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी।