लखनऊ : लेडी डॉक्टर से कहा-कपड़े उतारो, बॉडी का डिजिटल सर्च करना है, 90 हजार की ठगी
मैं CBI अफसर बोल रहा हूं। तुम्हारे शरीर पर गोली के निशाने हैं। फिजिकल वेरिफिकेशन करना होगा।
मैं वीडियो कॉल कर रहा हूं। तुम्हें कपड़े उतारकर दिखाना होगा। यह सुनते ही मैं डर गई।
मैंने कहा कि अगर आपको फिजिकल वेरिफिकेशन कराना है तो महिला कॉन्स्टेबल को भेजिए। आप लोग ज्यादा दबाव बनाएंगे तो मैं सुसाइड कर लूंगी। इतना सुनते ही कॉलर ने फोन काट दिया।’
ये बातें डिजिटल अरेस्ट होने वाली लखनऊ के लोहिया संस्थान की डॉ. रूबी थॉमस ने Media से बताईं। उन्होंने कहा- ठगों ने मुझसे 90 हजार ट्रांसफर करा लिए। 5 घंटे टॉर्चर किया। शक होने पर मैंने दोस्तों को यह बात बताई। तब जाकर पता चला कि मुझे डिजिटल अरेस्ट किया गया था।
राम मनोहर लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान की ईएन. टी. डॉ. रूबी थॉमस मूल रूप से पोर्ट ब्लेयर (अंडमान) की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया- साइबर ठगों ने 5 घंटे तक डिजिट अरेस्ट रखा और टॉर्चर किया। वह पूरे समय रोती रहीं, लेकिन ठगों ने कोई ढील नहीं बरती।
उन्होंने बताया- 16 अगस्त को शाम 5 बजे उन्हें वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाली महिला ने बताया कि आपके आधार से एक मोबाइल नंबर जारी हुआ है, उस पर मुंबई में धोखाधड़ी की FIR दर्ज हुई है।
डॉक्टर ने बताया- महिला ने कहा कि आपकी कॉल पुलिस से कनेक्ट की जा रही है। इसके बाद उसने वीडियो कॉल पर एक युवक को एड किया। युवक पुलिस की वर्दी में था। उसने मुझसे आधार नंबर पूछा। मैंने नंबर बताया तो उसने कहा कि इस आधार नंबर पर आपके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया है।
आप नरेश गोयल के साथ मनी लॉन्ड्रिंग में जुड़ी हैं। आपने करोड़ों की ठगी की है। इस पर मैंने कहा- हमने तो नरेश गोयल का नाम तक नहीं सुना है। इस पर उसने कहा कि अभी आपसे हमारे सीनियर CBI अफसर बात करेंगे।
यह नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा मामला है। आपको सहयोग करना होगा, नहीं तो आपको गिरफ्तार करना होगा। आप एक कमरे में जाइए, जहां कोई दूसरा न हो। आप अकेले हमसे बात कीजिए और पूरी डिटेल दीजिए।
वीडियो कॉल पर ऐसा माहौल बनाया जैसे लगा अभी अरेस्ट कर लेंगे डॉक्टर बताती हैं- थोड़ी देर बाद एक वीडियो कॉल आया, जिसमें कोई व्यक्ति नहीं दिखा। उसमें पीछे मुंबई पुलिस का लोगो दिख रहा था। थोड़ी देर बाद पीछे से आवाज आती है कि रूबी थामस लाइन पर हैं, जिसने मनी लॉन्ड्रिंग की है।
इस पर दूसरा व्यक्ति कहता है- इसको जल्द अरेस्ट करो। इस तरह से पीछे से आवाजें आ रही थीं, जैसे सच में कोई CBI ऑफिस हो और वह मुझे कभी भी अरेस्ट कर सकते हैं। इसी बीच पहले वाले ने कहा- वह लड़की तो खुद को निर्दोष बता रही है, तो दूसरे वाले ने कहा कि सभी क्रिमिनल खुद को निर्दोष बताते हैं, उससे मेरी बात कराओ।
रूम को पहले वीडियो कॉल पर देखा CBI अधिकारी बनकर बात करने वाले युवक ने रूम को वीडियो कॉल पर चेक किया कि कोई और तो नहीं है। इसके बाद उसने वॉट्सऐप पर अरेस्ट वारंट के साथ ही नरेश गोयल से जुड़े दस्तावेज भेजे।
इसके अलावा नेशनल सिक्योरिटी को लेकर होने वाली सजा से जुड़े डॉक्यूमेंट भी भेजे। मुझे भरोसा दिलाने के लिए अपना आईडी कार्ड भेजा। जिस पर उसका नाम प्रदीप सावंत लिखा था। आई-कार्ड मुंबई पुलिस ने जारी किया था। सब कुछ सही लग रहा था।
डॉ. रुबी ने बताया- वीडियो कॉल पर ही इन लोगों ने वॉट्सऐप पर भेजे गए डॉक्यूमेंट को पढ़वाया, जिसमें मामले में फांसी तक की सजा की बात लिखी थी। कहा गया कि यह बात किसी को मत बताना, क्योंकि नरेश गोयल इंटरनेशनल ठग है और बहुत खतरनाक है।
यह आपके घरवालों तक को मरवा सकता है। उसकी पहुंच बहुत ऊपर तक है। पुलिस वाले तक उससे मिले हुए हैं। इसलिए पुलिस से भी संपर्क न करें, क्योंकि यह नेशनल सिक्योरिटी का मामला है।
डॉक्टर कहती हैं- फर्जी CBI अधिकारी ने मुझसे कहा कि आपका आधार कार्ड से लेकर केनरा बैंक तक के अकाउंट की डिटेल हमारे पास है। आप नरेश गोयल से मुंबई पैसे लेने के लिए मिलने आई थी, उसके भी सबूत हैं। नरेश गोयल से विवाद में आपको गोली लगी है।
रुबी थॉमस ने बताया कि वह ऐसे पूछताछ कर रहे थे, जैसे मैं क्रिमिनल हूं। मैं इतना डर गई थी कि लगातार रोती रही। उन्होंने घरवालों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद कहा कि तुमको मैं बचा सकता हूं, लेकिन तुम्हें अपने अकाउंट का सारा पैसा मेरे बताए अकाउंट में भेजना होगा। इसके बाद उनका सीरियल नंबर RBI को भेजकर चेक कराया जाएगा। इस पर मैंने उसके बताए अकाउंट में 90 हजार रुपए भेज दिए।
डॉ. रुबी बताती हैं- पैसे भेजने के दौरान CBI अधिकारी बनकर बात करने वाले ने कहा कि यह पोर्ट ब्लेयर (अंडमान) कहां है। इस पर शक हुआ कि इतने बड़े अधिकारी को यह बात नहीं पता है। बात करने वाले का नाम प्रदीप सावंत था, लेकिन उसकी भाषा राजस्थानी लग रही थी, लेकिन तब तक मैं पैसा भेज चुकी थी।
साइबर ठगों की बातों से इतना डर गई थीं, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है? जब उसने कहा कि आपको सबूत देना होगा कि आपको नरेश गोयल से विवाद के दौरान गोली नहीं लगी, तब मैं हिल गई। उसने कहा कि आपको वीडियो कॉल पर ही फिजिकल वेरिफिकेशन करूंगा।
मैंने कहा- फिजिकल वेरिफिकेशन कराना है तो लेडी कॉन्स्टेबल भेज दो, तभी कराऊंगी। वह तैयार नहीं हुआ। उसके लगातार दबाव बनाने पर मैंने कह दिया कि अगर आप ज्यादा दबाव बनाएंगे, तो मैं सुसाइड कर लूंगी। इसके बाद उन लोगों ने फोन काट दिया।
इसके बाद हमने हजरतगंज के साइबर सेल में शिकायत की। उनके कहने पर विभूति खंड थाने में मामला दर्ज कराया। जहां पता चला कि ऐसा ही केस यहां की एक और डॉक्टर के साथ हुआ है। जिसका भी मुकदमा लिखा गया है।