ममता बोलीं- महाकुंभ ‘मृत्युकुंभ’ में बदल गया, भगदड़ की घटनाओं पर चिंता जताई, VIPs को खास सुविधाएं मिल रहीं
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘ यह महाकुंभ ‘मृत्युकुंभ’ में बदल गया है। मैं महाकुंभ का और पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं।’
उन्होंने कहा कि महाकुंभ के लिए कोई प्लानिंग नहीं की गई है। भगदड़ में कई लोग मारे गए, लेकिन उनके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है। कई लोग मिले ही नहीं।
ममता ने कहा- महाकुंभ में अमीरों और वीआईपी लोगों के लिए 1 लाख रुपए तक के टेंट मौजूद हैं। गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मेले में भगदड़ की स्थिति आम है, लेकिन व्यवस्था करना जरूरी है। आपने (यूपी सरकार) क्या योजना बनाई है?
ममता ने यह बयान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान दिया। इससे पहले लालू प्रसाद यादव कुंभ को फालतू कह चुके हैं।
ममता के स्पीच की 5 बड़ी बातें
- मैंने यहां कुछ वीडियो देखे हैं जिसमें शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह हिंदू धर्म के बारे में बोल रहे हैं और इसलिए उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया है। मैं कभी भी किसी धार्मिक मामले को भड़काने की बात नहीं करती।
- ‘भाजपा अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है। अगर भाजपा यह साबित कर दे कि मेरा बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से संबंध है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।’
- ‘भारत में कई राज्य हैं। वहां भी डबल इंजन वाली सरकार है। लेकिन पश्चिम बंगाल में हमने विपक्ष को बोलने के लिए 50% समय दिया है। उन्होंने सदन के पटल पर कागज फेंके हैं। भाजपा, कांग्रेस और CPI (M) मेरे खिलाफ एक साथ हैं। उन्होंने मुझे अपना भाषण देने की अनुमति नहीं दी है।
- ‘भाजपा विधायक यह झूठ फैला रहे हैं कि उन्हें बंगाल विधानसभा में बोलने की अनुमति नहीं है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भाजपा विधायकों को नफरत फैलाने और लोगों को विभाजित करने की अनुमति नहीं देती है।’
- मैं राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति के मुद्दों पर नहीं बोलती, लेकिन अमेरिका से निर्वासित लोगों को जंजीरों में बांधकर वापस लाना शर्मनाक है। केंद्र को अमेरिका से निर्वासित लोगों को वापस लाने के लिए अपने परिवहन विमान भेजने चाहिए थे।
ममता के बयान पर विपक्ष ने विरोध किया
विधानसभा में ममता के महाकुंभ पर दिए बयान के बाद विपक्ष के नेताओं ने ममता के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन भी किया। विपक्ष के नेता बीजेपी लीडर शुभेंदु अधिकारी ने कहा- मैं हिंदू समुदाय, संत समुदाय से कड़ा विरोध दर्ज कराने की अपील करता हूं।
उन्होंने कहा कि थोड़ी देर पहले सदन (राज्य विधानसभा) में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह महाकुंभ नहीं बल्कि ‘मृत्युकुंभ’ है। हिंदुओं, महाकुंभ पर इस हमले के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। अगर आप सच्चे हिंदू हैं, तो राजनीति से ऊपर उठें और ममता बनर्जी के इन शब्दों का कड़ा विरोध करें।
ममता के बयान पर किसने क्या कहा…
- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू- महाकुंभ एक पवित्र, धार्मिक अवसर है। यह 144 साल के बाद आया है। हम इस आयोजन को मनाने के लिए खुद को समर्पित करें। यह एक अनूठा आयोजन है, जिसमें अब तक का सबसे बड़ा मानव समूह शामिल हुआ है। भविष्य में भी ऐसा होने की संभावना नहीं है। ऐसे अवसर पर हमें इस तरह की राजनीतिक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। अगर आप हिंदू धर्म या महाकुंभ में विश्वास नहीं करते हैं, तो इसे रहने दें।
- स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- अखिल भारतीय संत समिति पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के इस बयान की निंदा करती है कि महाकुंभ ‘मृत्युकुंभ’ है। जिस तरह से पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, ओडिशा और पूर्वी भारत के हिंदू ‘अमृत स्नान’ के लिए यहां आ रहे हैं, उससे आपका (ममता) बेचैन होना स्वाभाविक है। मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल का आगामी विधानसभा चुनाव आपके राजनीतिक करियर के लिए ‘मृत्युकुंभ’ साबित होगा।