मथुरा : श्रद्धालुओं की भीड़, जूते-चप्पलों से भरी गलियां, संत प्रेमानंद ने स्थगित की पदयात्रा
निर्जला एकादशी और वीकेंड पर मथुरा में शनिवार देर शाम 8 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए 2KM तक लाइन लग गई। मंदिर के बाहर लाखों जूते-चप्पलों का ढेर लग गया। गलियां ब्लॉक हो गईं। भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोई भी श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल तक नहीं पहुंच सका। जूते-चप्पलों को ठेले पर लादकर हटाना पड़ा। भीड़ को देखते हुए संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा स्थगित कर दी।
आश्रम के सेवादार रात 2 बजे माइक लेकर सड़कों पर रात उतरे। एलाउंस किया कि आज महाराज जी पदयात्रा नहीं करेंगे, आप अपने घर चले जाएं, यहां भगदड़ मच सकती है। सूचना मिलते ही सड़क पर खड़े भक्त निराश हो गए। धीरे-धीरे वापस लौटने लगे। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए।
प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित होने के बाद यूपी के अलावा कई राज्यों से आए भक्त बिना दर्शन के निराश होकर लौट गए। शुक्रवार रात से सड़क पर रंगोली सजाई गई थी, लोग भजन गा रहे थे।
इसी बीच केली कुंज आश्रम के सेवादार आए। सेवादारों ने कहा- प्रेमानंद महाराज ने आज के लिए पदयात्रा स्थगित कर दी है। ऐसा अधिक भीड़ होने पर किया गया। क्योंकि, ऐसे में भगदड़ मच सकती है। आप लोग लौट जाइए। प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान होने वाले दर्शन के लिए जम्मू पहुंचीं भक्त जिया ने बताया- मैं दर्शन करने आई थी। लेकिन, अब पता चला कि महाराज जी ने यात्रा स्थगित कर दी है। अब वापस जा रही हूं। फिर दर्शन करने आएंगे। इस बार शायद भगवान नहीं चाहते थे कि मैं महाराज के दर्शन करूं।
सबसे बुरा हाल वृंदावन के रमणरेती पुलिस चौकी चौराहा का था। यहां परिक्रमा देने के लिए आए भक्त ई-रिक्शा, ई कार्ट और वाहनों के कारण फंस गए।
चौराहा पर स्थिति यह हो गई कि वहां लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस चौकी के सामने भारी भीड़ थी। यहां से लोगों को निकलने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भारी भीड़ से निकले लोग ऐसा महसूस कर रहे थे, जैसे कोई जंग जीत कर आए हों। वाहन और लोगों की भीड़ के कारण यहां कई बार हालात बेकाबू होते नजर आए। लोग अपने को भीड़ से निकालने के लिए जद्दोजहद करते रहे।
बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां दर्शन के लिए 2 KM तक श्रद्धालुओं की लाइन लगी नजर आई। भीषण गर्मी में बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं, बच्चे परेशान नजर आए। कई श्रद्धालुओं की तबीयत तक बिगड़ गई।
मंदिर के बाहर जूते चप्पलों का ढेर लग गया। मंदिर बंद होने के बाद अपने जूते चप्पल तलाशते नजर आए। जूते चप्पलों का ढेर लगा तो वहां से निकलने वाले भक्तों को दिक्कत का सामना करना पड़ा।
जिसे देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने सफाई कर्मियों को बुलाया। जिसके बाद मंदिर के बाहर लगे जूते चप्पलों के ढेर को हटाने का काम शुरू हुआ। ठेलियों में भरकर जूते चप्पल उसमें भरकर ले जाए गए।