मथुरा : वृंदावन में अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद शुरू हुई, देश-विदेश से पहुंचे साधु संत
मथुरा के वृंदावन में अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है। इस धर्म संसद में शामिल होने के लिए देश विदेश के साधु संत शामिल होने के लिए वृंदावन पहुंच गए हैं। धर्म संसद में श्री कृष्ण जन्मस्थान की जमीन मुक्त कराकर भव्य मंदिर बनाने की रणनीति बनाई जाएगी।
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के द्वारा आयोजित अंतराष्ट्रीय धर्म संसद का आयोजन केशव धाम परिसर में स्थित सभागार में किया जा रहा है। इस धर्म संसद में देश विदेश के साधु संतों के अलावा धर्माचार्य,विद्वान शामिल होंगे। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार इस धर्म संसद में एक हजार से ज्यादा लोग शामिल हैं।
संसद में पहुंचे संत बोले-जीत हमारी होगी। कृष्ण हमारे हैं।
तमिलनाडु के राजनीतिक दल DMK की फुल फॉर्म है, डेंगू, मलेरिया,कोढ़। राजनीति में डॉक्टर, वकील, दुकानदार, चोर उचक्का, लुटेरा रह सकता है तो संत क्यों नहीं। हम करेंगे राजनीति जरूर करेंगे। हमारी बात नहीं सुनी तो सौ करोड़ हिन्दू सनातन पार्टी का गठन करेंगे। राष्ट्र को जोड़ने के लिए करेंगे तोड़ने के लिए नहीं। भारत में सभी धर्म का सम्मान है सभी धर्म समान नहीं हैं।
किसी जगह सनातन ने दूसरे धर्म स्थल को तोड़ा है नहीं तो फिर हमारे क्यों। हम अपने धर्म स्थल को बचाने के लिए खड़े रहेंगे। बांग्लादेश में जो अत्याचार हो रहा है हम पीड़ितों का समर्थन करेंगे। जो छीना है जैसे वापस लेंगे। हम विष पीने को तैयार हैं लेकिन मोहब्बत से दो। छाती पर चढ़कर दोगे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सनातन के लिए बड़ा संक्रमण काल है। दूसरे देश,प्रदेश से आए लोगों की भाषा समझ नहीं आ रही लेकिन भावना समझ आ रही है। राम जन्मभूमि से बड़ा आंदोलन कृष्ण जन्मभूमि के लिए होगा।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। सनातन विध्वंस नहीं करता सृजन की बात करता है। हमला एक जगह नहीं हो रहा। प्रधानमंत्री से मांग है कि बांग्लादेश के हुक्मरानों को सीधे सीधे समझाओ न समझें तो उंगली टेढ़ी कर दो। बांग्लादेश पिद्दी सा।
श्री कृष्ण की जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए जब संतों को एकत्रित किया जाता है तब सनातन जागृत होता है। भारत को धर्म निरपेक्ष कहा जाता है। जो चीज धर्म से विमुख हो जाता है वह शुद्ध कैसे। जिसका दीन,ईमान,धर्म न हो वह राष्ट्र का संविधान कैसे हो सकता है। भारत का संविधान जब दिया जिसमें भगवान राम,कृष्ण का उद्घोष दिया।
धर्म संसद से निवेदन करता हूं भारत के संविधान को सापेक्ष कहा जाए धर्म निरपेक्ष न कहा जाए। पूरी दुनिया में कोई धर्म है तो वह सनातन है। कांग्रेस से कहा भगवान राम के दरबार से निमंत्रण आना सौभाग्य का विषय है। पार्टी ने कहा तुम्हें निष्काशित कर दिया जाएगा मैंने कहा हजार बार निष्कासन स्वीकार है।
श्री कृष्ण जन्मस्थान हमारी श्रद्धा,आस्था,विश्वास,अस्तित्व और अस्मिता का सवाल है। श्री राम जन्मभूमि का आंदोलन 500 वर्ष चला। श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने की बात है। भारत 1000 साल तक गुलाम रहा। बांग्लादेश,पाकिस्तान,अफगानिस्तान आदि भारत था। भारत इसलिए गुलाम रहा क्योंकि यहां जयचंद जैसे गद्दार मौजूद थे। सनातन मिट नहीं सकता लेकिन जागृत करना जरूरी है। भगवान राम अहंकारी रावण पर धनुष से वाण चलाते हैं तब सनातन जागृत होता है। भगवान श्री कृष्ण जब कुरुक्षेत्र में जाते हैं तब सनातन जागृत होता है। छत्रपति शिवाजी औरंगजेब के सामने सर झुकाना पसंद नहीं करते तब सनातन जागृत होता है।