राहु-केतु बदलेंगे चाल… इन 2 राशियों को रहना होगा सावधान
अयोध्या: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गोचर का सीधा संबंध सभी 9 ग्रहों और 12 राशियों से होता हैं. गोचर का अर्थ ग्रहों की चाल से हैं. जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता हैं तो इस प्रक्रिया को गोचर कहते हैं. ग्रहों के गोचर का देश-दुनिया के साथ व्यक्ति के जीवन पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अवधि में राशि परिवर्तन करते रहते हैं. जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता हैं
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसारराहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है. ये दोनों ग्रह प्रत्येक 1.5 साल बाद अपनी चाल में बदलाव करते हैं. राहु और केतु का गोचर प्रत्येक राशि के लिए खास भी माना जाता है. मायावी ग्रहों यानि राहु और केतु के चाल से जातकों के जीवन में कुछ सुधार या कुछ चुनौतियां आ सकती हैं. आइए जानते हैं राहु-केतु कब गोचर करेंगे और किन राशियों राहु-केतु से सावधान रहने की जरूरत है.
ज्योतिष गणना के अनुसार 18 मई 2025 को राहु और केतु का गोचर होगा. राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. जबकि केतु कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. जिसका प्रभाव कुछ राशि के जातक के लिए नकारात्मक तौर पर देखने को मिलेगा. जिसमें कुंभ राशि के जाता के और सिंह राशि के जातक को सावधान रहने की जरूरत है
कुंभ राशि : राहु और केतु के गोचर से कुंभ राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है. कुंभ राशि के जातकों के शादीशुदा जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होंगी. रिश्ते में तनाव आ सकता है. इस दौरान मन अशांत रहेगा और जातकों को सोच समझकर कोई निर्णय लेना होगा. मानसिक तनाव में भी वृद्धि होगी.
सिंह राशि : सिंह राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधित समस्या उत्पन्न होंगी. अचानक जीवन में कई तरह की बाधाएं आ सकती हैं. सिंह राशि के जातकों को इस दौरान नौकरी और कारोबार में बदलावों का सामना भी करना पड़ सकता है. ये बदलाव जीवन में नई दिशा भी ला सकते हैं.