नेपाल की बेटी…भारत की बहू, कैसे मिलेगी नागरिकता?
मधुबनी: भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराना ‘रोटी और बेटी’ का संबंध है, जो दोनों देशों के लोगों को विवाह के बंधन में बांधता है. अक्सर भारतीय बेटियां नेपाल की बहू बनकर जाती हैं और नेपाली बेटियां भारत की बहू बनकर आती हैं. लेकिन, नेपाली बेटियों के भारत की बहू बनने के बाद भारतीय नागरिकता लेने के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ता था. अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत भरी हो सकती है. आइए समझते हैं कि नेपाल के लोगों को भारत से रिश्ता जोड़ने के बाद आधार, राशन कार्ड या अन्य भारतीय पहचान पत्र बनवाने के लिए क्या प्रक्रिया अपनानी होगी और किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.
नेपाल की बेटी भारत की बहू बनने की प्रक्रिया
विदेश यानी कि नेपाल से भारत बहू बनकर आई लड़की को नागरिकता प्राप्त करने के लिए कुछ ख़ास नहीं बल्कि छोटे-छोटे तीन-चार प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है. बता दें कि यहां आने के बाद वह राशन कार्ड, आधार कार्ड या पहचान पत्र बनाते हैं, जिसमें पति और ससुराल के डॉक्यूमेंट से बनता है. आवास, निवास प्रमाण के साथ ही सही उम्र पर शादी और 6, 7 वर्ष इंडिया में रहने के बाद मान्य होगा. अगर नेपाल की नागरिकता है, वहां के प्रधान या फिर वार्ड पंच को एक आवेदन में विषय की जानकारी के साथ साइन ( हस्ताक्षर ) और मोहर लगा कर देना होगा कि इस बेटी का विवाह भारत में हुआ है. भारत की बहु बनने पर वहां की नागरिकता लेना है. दूसरा इंडिया में जहां ससुराल है वहां मुखिया से लिखवाना और बीएलओ या प्रखंड में पति के पहचान पत्र के साथ महिला अपना पहचान पत्र, राशन कार्ड, या आधार कार्ड बनाती है.
नेपाल से शादी होकर इंडिया आए तो यहां पति और ससुर के पहचान पत्र से मुझे भी यहां की नागरिकता मिली. अब यहां खाता, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पहचान पत्र, बच्चों के स्कल में एडिमिशन है. मैंने अबतक कई बार वोट भी किए हैं.
आज से 20-22 वर्ष पूर्व ज़्यादा कुछ प्रूफ नहीं मांगा जाता था. भारत के लोगों से शादी होकर ससुराल आने पर पति के पते से नागरिकता बनना आसान था. बहरहाल अब यदि कोई नेपाली बेटी भारतीय नागरिक से विवाह की है तो विवाह का प्रमाण पत्र (मैरिज सर्टिफिकेट), भारत में सात वर्ष से लगातार निवास का प्रमाण (आवासीय दस्तावेज) के साथ गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन या ब्लॉक में जाकर भी काम हो जाता है.