Padma Awards 2025: अजित कुमार, नंदमुरी बालकृष्ण, शेखर कपूर सहित 17 को मिला पद्म पुरस्कार
दिल्ली. कला में खास योगदान के लिए तमाम भारतीय सितारों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया. उन्होंने सोमवार 28 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार दिए. इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कई अन्य मंत्री और व्यक्ति मौजूद थे.
मनोरंजन जगत से एक्टर अजित और नंदमुरी बालकृष्ण, फिल्म निर्माता शेखर कपूर, संगीतकार रिकी केज और दिवंगत गायक पंकज उधास को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया. स्वर्गीय पंकज उधास की पत्नी फरीदा पंकज उधास ने उनकी ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया.
सुपरस्टार अजित भी हुए पद्मश्री से सम्मानित
तमिल सुपरस्टार अजित ने पद्म भूषण प्राप्त करते समय मुस्कुराते हुए सम्मान स्वीकार किया. उनके परिवार – पत्नी शालिनी अजित, बेटी अनुष्का और बेटा आद्विक ने दर्शकों में बैठकर उनका उत्साह बढ़ाया. भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक एक्स हैंडल ने उनकी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘वह भारतीय सिनेमा, विशेष रूप से तमिल फिल्म उद्योग में एक प्रमुख हस्ती हैं. विभिन्न प्रकार के किरदार निभाने की उनकी क्षमता ने उन्हें उद्योग के सबसे बहुमुखी अभिनेताओं में से एक बना दिया है. उनका प्रभाव सिनेमा की सीमाओं से परे है. वह परोपकारी गतिविधियों में भी शामिल हैं और विभिन्न कारणों का समर्थन करते हैं बिना किसी सार्वजनिक ध्यान की चाहत के.” अभिनेता को मोटरस्पोर्ट्स में उनकी उपलब्धियों के लिए भी जाना जाता है.
तेलुगु सुपरस्टार नंदमुरी बालकृष्ण ने भी यह सम्मान स्वीकार किया. राष्ट्रपति के हैंडल से एक तस्वीर के साथ कहा गया, ‘पांच दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने विभिन्न शैलियों की फिल्मों में अभिनय किया और यादगार भूमिकाएं निभाईं. उन्हें एक कैंसर अस्पताल के अध्यक्ष के रूप में कैंसर रोगियों की सेवा के लिए भी पहचाना जाता है, जहां उन्होंने गरीब और वंचित लोगों को कैंसर देखभाल प्रदान की है.’
शेखर कपूर को किया गया सम्मानित
शेखर कपूर, जो मासूम (1983), मिस्टर इंडिया (1984), और बैंडिट क्वीन (1994) जैसी क्लासिक फिल्मों के निर्देशन के लिए जाने जाते हैं, उन्हें भी राष्ट्रपति से पद्म भूषण प्राप्त किया. राष्ट्रपति ने अपने पोस्ट में साझा किया, ‘वह एक दूरदर्शी फिल्म निर्माता हैं, जिनका काम भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में फैला हुआ है. बैंडिट क्वीन के साथ भारतीय सिनेमा को फिर से परिभाषित करने से लेकर एलिजाबेथ के साथ वैश्विक प्रशंसा प्राप्त करने तक, उन्होंने लगातार रचनात्मक सीमाओं को आगे बढ़ाया है. उनकी विरासत केवल उनकी फिल्मों में ही नहीं, बल्कि बाद की पीढ़ियों के कहानीकारों को प्रेरणा देने में भी निहित है.’
देशभर की हस्तियां हुईं सम्मानित
उत्तर प्रदेश के डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल, केरल की डॉ. के. ओमानाकुट्टी अम्मा, आंध्र प्रदेश के स्वर्गीय मिरियाला अप्पाराव (मरणोपरांत), असम के जॉयनचारण बथारी, राजस्थान की बेगम बतूल, मध्य प्रदेश के बेहरू सिंह चौहान, पश्चिम बंगाल के गोकुल चंद्र दास, बिहार की निर्मला देवी, ओडिशा के अद्वैत चरण गडनायक, दिल्ली के प्रो. भरत गुप्त, सिक्किम के नरेन गुरुंग, महाराष्ट्र के वासुदेव तारानाथ कामथ, महाराष्ट्र के डॉ. जसपिंदर नरूला कौल, महाराष्ट्र के पं. रोनू मजूमदार, पश्चिम बंगाल के पं. तेजेंद्र नारायण मजूमदार, गुजरात के प्रो. रतन कुमार परिमू, कर्नाटक के डॉ. हसन रघु, ओडिशा के दुर्गा चरण रणबीर, आंध्र प्रदेश के डॉ. मधुगुला नागफणी शर्मा, कर्नाटक की भीमव्वा दोद्दाबालप्पा शिल्लीक्यातारा, पश्चिम बंगाल के अर्जित अदिति सुरिंदर सिंह, पंजाब के भाई हरजिंदर सिंह जी और तमिलनाडु के राधाकृष्णन देवसेनापति को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. आंध्र प्रदेश के स्वर्गीय मिरियाला अप्पाराव की बेटी यादवल्ली श्रीदेवी ने अपने पिता की ओर से पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त किया.