सौरभ हत्याकांड में पुलिस के पास कोई चश्मदीद नहीं: 1500 पेज की चार्जशीट में खुलासा
मेरठ के सौरभ हत्याकांड की चार्जशीट 54 दिन बाद कोर्ट में दाखिल की गई। 1500 पन्नों वाली गुलाबी रंग की फाइल में हत्याकांड की साजिश, कत्ल के सबूत और 30 गवाहों के बयान हैं। चार्जशीट में लिखा गया है- हत्याकांड का कोई चश्मदीद नहीं है। सौरभ की हत्या तंत्र-मंत्र में नहीं, बल्कि लव अफेयर के चक्कर में हुई थी।
पुलिस ने चार्जशीट में माना कि पहले लाश को सूटकेस में पैक करके फेंकने की प्लानिंग थी। एक हड्डी का टुकड़ा सूटकेस में मिला था। जब लाश सूटकेस में नहीं पैक हो पाई तो ड्रम में डालकर सीमेंट से बॉडी के पार्ट जमा दिए थे। 18 मार्च को मर्चेंट नेवी के अफसर सौरभ राजपूत की हत्या हुई थी। पुलिस ने सौरभ की पत्नी मुस्कान और उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार किया था। साहिल और मुस्कान ने सौरभ की लाश को 4 हिस्सों में काटा था। एक नीले ड्रम में सीमेंट से बॉडी के पार्ट जमा दिए थे। मेरठ पुलिस ने चार्जशीट तैयार करने के लिए 40 दिन का टारगेट सेट किया था।
पूरे मामले की जांच ब्रह्मपुरी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी ने की है। रमाकांत सोमवार को कोर्ट पहुंचे। कोर्ट नंबर चार के एडिशनल जज अनुज कुमार ठाकुर के सामने पेश होकर बयान दर्ज कराए। सौरभ हत्याकांड की चार्जशीट दाखिल की।
पुलिस ने चार्जशीट में मुस्कान-साहिल के बयान शामिल किए हैं। मुस्कान की मां कविता रस्तोगी, पिता प्रमोद रस्तोगी, भाई, बहनों के बयान शामिल किए हैं। सौरभ के माता-पिता और भाई बबलू उर्फ राहुल का बयान लिया है।
मुस्कान-साहिल को घुमाने ले गए कैब ड्राइवर अजब सिंह, उषा मेडिकल स्टोर के संचालक अमित कौशिक, चाकू विक्रेता सिंघल बर्तन भंडार का संचालक, घंटाघर पर ड्रम विक्रेता सिराजुद्दीन अहमद, शारदा रोड पर नेशनल सीमेंट दुकान के संचालक के बयान भी चार्जशीट में हैं।
मुस्कान को दवा लिखने वाले डॉक्टर देशवाल, मुस्कान-सौरभ के मकान मालिक ओमपाल का भी बयान शामिल किया गया है। साथ ही शिमला, मनाली और कसौल में मुस्कान-साहिल जिन होटलों में ठहरे, जहां घूमने गए उन होटल संचालकों के बयान लगाए हैं। इसके साथ ही पुलिस वालों के बयान दर्ज किए गए हैं।