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पुलिस ऐसे टूट पड़ी, जैसे डकैत आए हों, मेरठ में दलित महिलाओं का दर्द

मेरठ में दलित परिवार की महिलाओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। 9 मई को वीडियो सामने आने के बाद 5 पुलिस वालों को थाने-चौकी से हटा दिया गया। अभी लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ।

दरअसल, दो भाइयों के बीच मकान के झगड़े को सुलझाने पुलिस पहुंची थी। दोनों भाइयों को थाने ले जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन परिवार की महिलाओं ने विरोध कर दिया। पुलिस का आरोप- महिलाओं ने हमारी वर्दी फाड़ी, हाथापाई की। इसके बाद उन्हें खदेड़ा गया।

महिलाओं का पक्ष – हमें लाठी से पीटा, खींचकर थाने ले गए। वहां सोने-चांदी के जेवर छीन लिए।

10 मई को मामला और तूल पकड़ गया। सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान पीड़ित महिलाओं को लेकर SSP दफ्तर पहुंचे और प्रदर्शन किया। कांग्रेस और भीम आर्मी के नेताओं ने भी हंगामा किया।

लावड़ गांव पहुंचने के बाद हमने महिलाओं से मारपीट की घटना का जिक्र किया। इस पर लोगों ने हमें मोहल्ला खारी कुआं तक पहुंचा दिया। मोहल्ले में नीम के पेड़ के पास लोग इकट्ठे दिखे। हमने उनसे पूछा- सुना है यहां 7 मई को महिलाओं से मारपीट हुई थी?

उन्होंने बिना कैमरे पर आए बताया- उस दिन पुलिस ने सतपाल के घर की महिलाओं को पीटा था। वह अपने 3 बेटे सुनील, अनिल और सुशील के साथ रहते हैं। तीनों बेटों के अलग-अलग घर हैं। सतपाल अपनी पत्नी रोशनी के साथ सबसे छोटे बेटे सुशील के घर में रहते हैं। तीनों बेटे मजदूरी करते हैं। झगड़ा तो उनका आपस का था, लेकिन मारपीट पुलिस के साथ हो गई थी।

इसके बाद हम सतपाल के घर पहुंचे। बाहर भीड़ लगी थी। लोगों ने बताया कि राष्ट्रीय जाटव महासंघ के पदाधिकारी मिलने आए हैं। सतपाल, उनके बेटे सुनील और सुशील पदाधिकारियों को बता रहे थे कि पुलिस ने पहले बात की, फिर अचानक गुस्से में धक्का-मुक्की करने लगे। घर की महिलाओं को दौड़ा-दौड़ाकर लाठी से पीटा।

जब यह सब बातचीत चल रही थी, तभी सतपाल की 68 साल की पत्नी रोशनी अपनी चोट दिखाने लगीं। वह कह रही थीं कि मुझे इस बुढ़ापे में बहुत बुरी तरह से पीटा गया। पूरा शरीर दर्द कर रहा है। करवट भी बदलती हूं, तो ऐसा लगता है कि जान निकल जाएगी। वह चारपाई पर लेटी थीं।

घर के अंदर से सुशील की पत्नी कविता ने कहा- पुलिस मुझे चौकी पर लेकर गई। वो लोग बहुत गुस्से में थे। हमें डंडे से बुरी तरह से पीटा गया। अंदरूनी चोटें आई हैं, बहुत दर्द हो रहा। सुनील की पत्नी शशि भी चारपाई पर लेटी थीं। वह बताने लगीं कि मैं तो पूरे मामले में थी ही नहीं, अलग खड़ी थी। लेकिन, पुलिस वालों ने मुझे भी पीट दिया। घर के अंदर घुस आए। डंडे मारकर टीवी और चारपाई तोड़ दी।

सुनील बता रहे थे कि पुलिस इस तरह से पहुंची, जैसे कि वह कोई डकैत हों। वो लोग कह रहे थे कि तुमको इंसाफ चाहिए, हम देंगे।सुनील कहते हैं- सुशील घर में निर्माण कार्य करा रहे हैं। 7 मई की शाम सुशील ने पिता का कुछ पुराना सामान घर से बाहर निकालकर रख दिया। इसको लेकर पिता ने विरोध किया तो सुशील से उनकी कहासुनी होने लगी। मैं बड़ा भाई हूं, इसलिए सुशील को डांट दिया। इसके बाद कहासुनी होने लगी। इसी बीच लावड़ चौकी से अंडर ट्रेनी दरोगा अमित कुमार और सुमित गुप्ता बाइक से मौके पर पहुंचे।

दोनों दरोगा से सुशील की कहासुनी हुई, तो उसको पकड़कर ले जाने लगे। इसी दौरान महिलाओं ने विरोध किया तो दरोगा अमित कुमार की बाइक की चाबी उनके माथे पर लग गई।

उसके बाद उन्होंने चौकी में फोन कर दिया कि इन लोगों ने हम पर हमला कर दिया है। इसके बाद 15-20 पुलिस वाले मौके पर पहुंचे और मारपीट करते हुए परिवार के लोगों को पुलिस चौकी ले गए। वहां पर उनकी बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद सुशील, उसकी पत्नी कविता का 151 में चालान कर जमानत पर छोड़ा गया।

पूरे मामले में लावड़ चौकी पर तैनात दरोगा अमित कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि 7 मई को एक फरियादी सुनील इंचौली चौकी पहुंचे। उन्होंने अपने छोटे भाई सुशील के खिलाफ शिकायत दी कि उसने मारपीट करके सामान बाहर निकालकर फेंक दिया है। इस पर वह दूसरे दरोगा सुमित गुप्ता के साथ जीडी में रवानगी दर्ज करके मौके पर गए।

दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन, सुशील पक्ष कोई बात समझने को राजी नहीं था। इसके बाद वह सुशील को हिरासत में लेकर ले जाने लगे। इसी बीच सुशील की मां रोशनी और पत्नी कविता ने उनसे छीना-झपटी की। तहरीर छीनकर फाड़ दी। सुशील का हाथ छुड़ाते हुए मेरी वर्दी पकड़कर खींची। महिला की छीना-झपटी के मामले में मैंने थाना प्रभारी को बताने के लिए जैसे ही फोन निकाला, तो कविता ने मेरे फोन पर हाथ मारकर नीचे गिरा दिया।

इससे मेरा फोन टूट गया और मेरे हाथ में पकड़ी बाइक की चाबी नाली में जा गिरी। मैं कुछ समझ पाता या अपना फोन उठा पाता, तब तक दोनों महिलाओं ने हम पर पास पड़े ईंट-रोड़ों से हमला कर दिया। एक रोड़ा मेरी दाहिनी आंख के ऊपर लगा। हम वहां से किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे। उसके बाद उप-निरीक्षक सुमित गुप्ता ने अपने फोन से थाना प्रभारी को घटना की सूचना दी। कुछ देर बाद थाना प्रभारी पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। सुशील उसकी पत्नी कविता, मां रोशनी और कुछ अन्य लोगों ने हम पर फिर से ईंट-रोड़े बरसा दिए।

गालियां देते हुए हमें लौट जाने की धमकी देने लगे। इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों की सहायता से हमने कविता और रोशनी को रोक लिया। जबकि, सुशील और अन्य लोग मौका देखकर फरार हो गए।

इस मामले में पहले पुलिस का महिलाओं को पीटने का वीडियो सामने आया था। अब एक दूसरा वीडियो भी सामने आया है। इसमें दरोगा अमित कुमार सुशील कुमार का हाथ पकड़े खड़े हैं। इस दौरान एक महिला उनके गिरेबान पर हाथ डाल रही है। दरोगा की आंख के ऊपर चोट लगी है। दरोगा की वर्दी से खींचतान की जा रही है।

वीडियो में महिला दूसरे दरोगा के पीछे जा रही है। दरोगा दूर रहने की बात कह रहे हैं। एक वीडियो में महिला हाथ में ईंट लिए नजर आ रही है। पुलिस का दावा है कि पहले दरोगा के साथ बदसलूकी की गई। उनकी वर्दी खींची गई। इसके बाद उन पर ईंट से हमला किया गया। इसके बाद ही पूरा घटनाक्रम हुआ।

दरोगा अमित कुमार की तरफ से इंचौली थाने में सुशील पुत्र सतपाल, उसकी पत्नी कविता और मां रोशनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एक अज्ञात को भी मुकदमे में शामिल किया गया है।

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