वाराणसी : दो नावों की टक्कर, छोटी नाव डूबी, 6 पर्यटकों को बचाया,
वाराणसी में शुक्रवार सुबह गंगा में दो नावों की टक्कर हो गई। हादसे के बाद छोटी नाव गंगा में डूबने लगी। चीख-पुकार, अफरा-तफरी मच गई। तुरंत जल पुलिस और NDRF की टीम मौके पर पहुंची। छोटी नाव के पर्यटकों को बड़ी नाव में शिफ्ट किया गया। हादसा महान घाट के सामने हुआ।
जल पुलिस के मुताबिक, अस्सी घाट से 6 सवारियों को बैठाकर एक छोटी मोटर बोट मणिकर्णिका घाट से लौट रही थी। तभी उसकी बड़ी मोटर बोट से टक्कर हो गई, जिसमें 58 लोग बैठे हुए थे।
छोटी नाव का बैलेंस बिगड़ गया। वह डूबने लगी। बड़ी बोट में बैठे लोगों ने छोटी नाव में सवार 6 लोगों को डूबने से बचाया। इस दौरान दोनों नावों में बैठे 18 लोग चोटिल हो गए। घटना की सूचना पर वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे।
जल पुलिस प्रभारी ने बताया कि दोनों बोट के नाविक से पूछताछ की जा रही है। सभी घाटों पर अनाउंसमेंट कराया जा रहा है कि क्षमता से अधिक यात्रियों को न बैठाएं। सभी को लाइफ जैकेट अनिवार्य रूप से पहनाएं। अगर कोई भी नाव में बिना लाइफ जैकेट के सवारी बैठाए दिखा तो उसकी नाव सीज की जाएगी।
काशी में इस वक्त 40 लाख लोगों की भीड़ है। 31 जनवरी से 5 फरवरी तक विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट से लेकर अस्सी घाट तक की गंगा आरती रोक दी गई है। होटल से लेकर धर्मशालाएं और सरकारी स्टे कैंप भी हाउसफुल हैं। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास 5 लाख से ज्यादा लोग वाहनों का इंतजार कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं जो प्रयागराज महाकुंभ जाना चाहते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट तक 5 किमी तक लाइनें लगी हुई हैं।
प्रशासन ने भीड़ के मूवमेंट को देखते हुए व्यवस्था की है। प्रशासन का मानना है कि गंगा आरती के दौरान लाखों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है। इससे अनहोनी की आशंका रहती है। काशी में पिछले 3 तीनों में भीड़ कैसे बढ़ी, उसे कैसे कंट्रोल किया जा रहा है और लोगों के पास विकल्प क्या हैं?
1. महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हादसे के बाद रेलवे ने प्रयागराज जाने वाली 26 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया। इसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल की ओर से आने वाले ट्रेनों की भीड़ काशी में उतर गई। दो दिन तक काशी से प्रयागराज तक कोई ट्रेन नहीं गई। इस कारण भीड़ बढ़ती चली गई।
2. महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रयागराज से काशी की ओर आने वाला हाईवे खोल दिया गया। लेकिन जाने वाले रास्ते को करीब 20 घंटे तक ब्लॉक रखा गया। इसलिए बसों और निजी चार पहिया वाहन से भारी संख्या में लोग काशी पहुंच गए।
3. हादसे के बाद ज्यादातर लोगों ने प्रयागराज जाना कैंसिल कर दिया। लोग अयोध्या और वाराणसी की ओर मूव कर गए। यही कारण है कि काशी के आउटर में 5 लाख से ज्यादा गाड़ियां अलग-अलग स्थानों पर पार्क की गई हैं। प्रशासन ने मंदिर के आसपास 5 किमी एरिया को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है।
मुंबई से आई संगीता ने बताया कि प्रयागराज स्टेशन पर हम सुबह से ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। हमारी ट्रेन विभूति एक्सप्रेस नहीं आई। रात में 8 बजे रेलवे प्रशासन ने मेला स्पेशल जाने का अनाउंसमेंट किया। और हम लोगों को उसमें भेज दिया। हम अगले दिन 12 बजे वाराणसी पहुंचे। गंगोत्री सेवा समिति प्रबंधन की ओर से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती को 5 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। समिति ने श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों से अपील की है कि वे इस अस्थायी परिवर्तन को समझदारी के साथ स्वीकार करें और धैर्य बनाए रखें।
अस्सी घाट और अन्य घाटों पर गंगा आरती कराने वाली समितियों ने भी जनसामान्य से अनुरोध किया है कि वे इस स्थिति में प्रशासन की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों और वैकल्पिक व्यवस्थाओं का पालन करें। समिति का कहना है कि परिस्थितियां अनुकूल होने पर आरती का आयोजन पहले की तरह होगा।
क्राउड-कंट्रोलिंग के लिए DM एस राजलिंगम, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, कमिश्नर कौशल राज शर्मा, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा समेत 100 से अधिक अफसर सड़क पर हैं। मंडलायुक्त ने नगर निगम के अलावा 12 विभागों के अफसरों को जन सुविधाओं में मदद के लिए उतारा है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल तीन जोन के अफसरों के साथ रातभर भीड़ की सुगमता का रूट तय करते रहे। उन्होंने प्वाइंट निर्धारित किए, वहीं बैरिकेडिंग पर बड़े अफसरों को तैनात किया। काशी, वरुणा, गोमती जोन के पुलिस अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है।
काशी विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र में केंद्रीय सुरक्षा बल, पीएसी और पुलिस के लगभग 500 सुरक्षाकर्मी शिफ्टवार ड्यूटी पर हैं। काशी जोन के DCP गौरव बंसवाल, ADCP सरवणन टी. दशाश्वमेध ACP अपने जोन में तैनात पुलिसबल के साथ बैरिकेडिंग पर डटे हैं।