निमाडीह सकुर मियां के हत्या मामले में पुलिस ने किया खुलासा, गिरफ्तार
कोडरमा : नवलशाही थाना क्षेत्र के जंगल में बुजुर्ग सकुर अंसारी के हत्या मामले का पुलिस ने उद्भेदन करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में मृतक के पुत्र गिरिडीह जिला के राजधनवार घोड़थम्भा ओ पी निमाडीह निवासी समसुल अंसारी और द्वारिका तुरी उर्फ द्वारिक पिता स्व हरी तुरी के नाम शामिल है, आरोपी के पास से पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, कमीज और एक मोबाइल बरामद किया है। उक्त जानकारी एसपी अनुदीप सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान दी है। एसपी श्री सिंह ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बीते 5 फरवरी को नवलशाही पुलिस को सूचना मिली कि प्रतियासिंगहा जंगल में एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है, शव की पहचान नीमाडीह, घोड़थम्भा निवासी सकुर अंसारी के रूप में हुई।
घटना को लेकर नवलशाही थाना में कांड संख्या 06/24 धारा 302/201 में मामला दर्ज किया गया। घटना की गम्भीरता को देखते हुए त्वरित उद्भेदन को लेकर डीएसपी पुरुषोत्तम कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठन किया गया। टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारियों ने अनुसंधान के क्रम में हत्याकांड में शामिल द्वारिका तुरी और मृतक के पुत्र समसुल अंसारी को गिरफ्तार किया। वहीं पूछताछ में पता चला कि मृतक के पुत्र सम्पति विवाद को लेकर अपने पिता सकुर अंसारी की हत्या का सुपारी पकड़े गए आरोपी द्वारिका तुरी को 3 लाख में दिया था, जिसके बाद द्वारिका तुरी मृतक बुजुर्ग को पशु दिखाने के लिए गांव ले गया और रास्ते में जंगल देख, कुल्हाड़ी से उसकी हत्या कर, फरार हो गया। एसपी ने बताया कि बुजुर्ग हत्याकांड में शामिल अन्य अभियुक्तों की पहचान कर ली गई है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मौके पर नवलशाही थाना प्रभारी सोनी प्रताप, एसआई रंजीत कुमार, ऋषिकेश कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे।
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तीन लाख में दिया था हत्या की सुपारी, किलर ने एक हजार एडवांस लेकर कर दिया हत्या
पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने बताया कि मृतक के 4 पुत्र हैं, जिसमे समसुल अंसारी सबसे बड़ा बेटा है, जो रांची में काॅन्ट्रेक्टर का काम करता है, जबकि उसके भाई उसे सहयोग करते थे, एसपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपी पुत्र ने बताया की उसके द्वारा कमाए गए धन से जो प्रोपर्टी खरीदा गया था, उसे उसके पिता चारों भाइयों में बराबर बांटना चाहता था, मगर आरोपी पुत्र ज्यादा हिस्सा मांग रहा था, इसी कारण आरोपी पुत्र ने द्वारिका तुरी को अपने पिता की हत्या करने का सुपारी 3 लाख में दिया और बतौर एडवांस एक हजार रुपये दिया, काम हो जाने पर शेष रकम देने की बात हुई थी।