प्रयागराज : 5 साल से चल रहा ‘यीशु दरबार’, रुपया, जॉब, शादी…
नेवादा गांव की मेन रोड के किनारे एक खेत में पंडाल दिखा। ये घास, सूखे-पुवाल और टीन शेड से बनाया गया था। बाहर माहौल मेला जैसा था, अंदर एक मंच था, करीब 3 हजार लोग मौजूद थे।
दरबार में कुछ महिलाएं झूम रही थीं, कोई रो रही थी। कोई चीख-चीखकर इधर-उधर कूद रहा था। एक तरफ प्रोजेक्टर पर पादरी ईसाई धर्म से जुड़ी प्रेयर स्पीकर पर सुना रहे थे। लोग कतार में पास्टर के लिबाज में खड़े शख्स से आशीर्वाद ले रहे थे। पुलिस के पहुंचते ही पंडाल के अंदर अफरा-तफरी मच गई।
जो महिलाएं इधर-उधर कूद रही थी, वो बाहर की तरफ भागी, कुछ लोग पुलिस के सामने खड़े हो गए और वापस जाने के लिए दबाव बनाने लगे। पुलिस पीछे हटी, मगर फिर बजरंग दल के साथ स्थिति पर काबू पाया।थानेदार महेश मिश्रा मौके से अनिल कुमार, कृष्ण कुमार और संजय को पकड़ कर थाने ले आए। इसके बाद एक और अरेस्टिंग हुई। 23 जून को पुलिस ने चारों लोगों को जेल भेज दिया।
हिंदू संगठनों का आरोप है कि प्रयागराज में 5 साल से ‘यीशु दरबार’ की आड़ में धर्मांतरण का खेल चल रहा था। इस दरबार के प्रभाव में आसपास के 50 गांव के लोग हैं, कोई सटीक आंकड़ा तो नहीं हैं, मगर 500 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण होने की आंशका है। धर्मांतरण का केस दर्ज हुआ है। क्या वाकई इतने लोगों का धर्मांतरण किया गया? यीशु दरबार में क्या होता था?
रोड के किनारे खेत पर घासफूस से बना हुआ स्ट्रक्चर दिख गया। लोगों ने बताया कि यहीं पर यीशु दरबार चलता था। हम वहां पहुंचे, तो कुछ लोग इकट्ठा थे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। बातचीत शुरू हुई तो नेवदा गांव की रेनू ने कहा- मुझे बच्चा नहीं हो रहा था। मजदूरी करके जो पाई-पाई इकट्ठा करते, वो इलाज में खर्च हो जाते।
यीशु दरबार में आने के बाद 2 महीने के अंदर मैं गर्भवती हो गई। फिर मुझे एक बेटी हुई। यहां आने के लिए किसी ने जबरदस्ती नहीं की। हम आज भी मंदिर जाते हैं। मैं रेगुलर यीशु दरबार में प्रवचन सुनने आती रही, मंदिर भी जाती हूं।
दरबार में 50 गांवों के भोले-भाले लोगों को बरगलाकर लाया जाता था। इनके टारगेट पर ऐसे लोग होते थे, जो कि गरीब हैं। नौकरी नहीं है। परिवार का कोई सदस्य बीमार है।
लोगों को यीशु का चमत्कार समझाया जाता था। हिंदू प्रतीक जैसे कलावा, लॉकेट और तिलक लगाने के लिए मना किया जाता था। धीरे-धीरे लोगों को लगने लगा था कि यीशु की प्रार्थना से ही उनका भला हो रहा है। ऐसे लोग हिंदू धर्म छोड़ रहे थे।
एसीपी पंकज लवानिया के मुताबिक, पुलिस को मिली शिकायत के आधार पर डेढ़ दर्जन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिसमे एक अन्य का नाम प्रकाश में आने पर उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पुलिस जांच के बाद ही तय होगा कि धर्मांतरण का उद्देश्य था या नहीं। हम पादरी को ढूंढ रहे हैं, ताकि फंडिंग का भी पता चल सके।
पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, धोखाखड़ी की धाराओं में FIR दर्ज की है। बयानों में लड़कों को लालच देने की बात सामने आई है।