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प्रेमानंद महाराज बोले-विवाहित महिलाओं के लिए पति ही परमेश्वर समान, उन्हीं की बात मानें

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‘अगर पति और गुरु की बातों में मतभेद हो तो उसे किसका पालन करना चाहिए? पति हमें किसी काम को करने के लिए मना करे, लेकिन वो मुझे सही लगे, तो हमें किस बात का पालन करना चाहिए।’

यह सवाल 4 मार्च को वृंदावन में संत प्रेमानंद जी महाराज के सामने उनके सत्संग में आई एक महिला ने किया। महिला ने महाराज से इसके बारे में सुझाव मांगा। इसका वीडियो आज (गुरुवार) को सामने आया है।

इस पर एकांतिक वार्तालाप में संत प्रेमानंद महाराज ने कहा-विवाहित महिलाओं के लिए उनके पति ही परमेश्वर के समान होते हैं। यदि पति मना करें तो स्त्री को गुरु के पास भी नहीं आना चाहिए।

संत प्रेमानंद महाराज ने कहा- महिला को अपने पति को परमेश्वर मानकर उनकी इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए। यदि पति गुरु के पास जाने से रोकता है तो न जाएं, बल्कि मन में ही गुरु के बताए मार्ग को स्मरण करें और उनका पालन करें।

पास्ट रिलेशन के बारे में बताएं या नहीं एक सत्संग के दौरान संत प्रेमानंद महाराज से एक महिला ने सवाल किया कि घर वालों की मर्जी से मेरी शादी हो गई है। क्या अपने शादी से पहले वाले संबंधों की सच्चाई पति को बता देनी चाहिए। इस तरह की समस्या से कैसे निपटें?

महिला के इस सवाल पर संत प्रेमानंद महाराज ने कहा- कोशिश करें, कोई बात न बताएं, क्योंकि इससे पति के प्यार में कमी आ जाएगी। अपनी बात, अपनी गलती को न बताएं। साथ ही भविष्य में भूलकर कभी ऐसी गलती भी न करें।

प्रेमानंद ने कहा- यह मान लो कि पास्ट रिलेशन पिछले जन्म की बात थी संत प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर किसी मित्र से संबंध रहे हों, गलत कदम उठ गए हों। लेकिन, अब आपकी शादी दूसरी जगह हो गई है, तो इसे भूल जाओ। यह मान लो कि यह सब पिछले जन्म की बात थी।

लेकिन, शादी के बाद दोबारा कभी गलती मत करना। नहीं तो परिवार से आपका जो संबंध है, वह खत्म हो जाएगा। अगर आपने पति को बता दिया, तो उनका मन आपके प्रति गंदा हो जाएगा। आपके प्रति उनके भाव अच्छे नहीं रहेंगे।

पति प्रेम के लिए गलती का प्रायश्चित करें संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि कुछ महिलाओं को लगता है पति से अपने पुराने प्रेम के लिए गलती का प्रायश्चित कर लें। लेकिन, ऐसा सही नहीं है। शादी के बाद दोबारा जीवन में कभी भूल से भी किसी पराए पुरुष की तरफ आंख न उठाएं।

अपने पति को भगवान की तरह मानें। शादी के पहले के सभी संबंधों का त्याग कर दें। यही काम पुरुष को भी करना चाहिए। अगर पुरानी गलती रही है, तो उसे छुपा लें। आगे एक पति या एक पत्नी व्रत का पालन करें।

53 मिनट के वीडियो में प्रेमानंद महाराज ने बताया कि पत्नी को चाहिए वह पति की सेवा करें और उसको ही अपना परमेश्वर माने। पत्नी ने प्रेम के बल पर यमराज से अपने पति का जीवन वापस पा लिया था।

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