राहुल बोले- चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, मैं Gen Z के साथ
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने X पोस्ट में कहा कि, ‘चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, चोरों को बचाता रहा।’ उन्होंने 37 सेकेंड की वीडियो क्लिप शेयर की, इसके कैप्शन में लिखा- सुबह 4 बजे उठो, 36 सेकेंड में 2 वोटर मिटाओ, फिर सो जाओ – ऐसे भी हुई वोट चोरी!
वहीं, राहुल के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- राहुल गांधी फ्रस्ट्रेशन में हैं, हताशा में हैं। वे कभी नरेंद्र मोदी की नकल करेंगे, कभी Gen-Z की बात करेंगे। यह अर्बन नक्सल बनना चाहते हैं। भारत में अर्बन नक्सल के रूप में रिएक्ट करते हैं।
दरअसल, राहुल ने 18 सितंबर की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की क्लिप शेयर की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक के आलंद में 6018 वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश हुई। सुबह 4 बजे उठकर भी वोट डिलीट किए गए।
गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री भारत कभी भी अर्बन नक्सल को स्वीकार नहीं करेगा। राहुल देश को गृह युद्ध में फंसाना चाहते हैं। कभी मुस्लिम को भड़काते हैं तो कभी उल-जलूल बातें करते हैं। इसके लोग बांग्लादेश की बात करते हैं।
निशिकांत दुबे, सांसद
मैं आलंद चुनाव के पार्टी इन्चार्ज था, मुझे विश्वास था कि वह सीट भाजपा जीतेगी, क्योंकि कांग्रेस ने कभी वह सीट जीती ही नहीं थी। अगर वाकई वोट चोरी हुई है तो कांग्रेस को इलेक्शन कमीशन का धन्यवाद करना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने आजादी के बाद पहली बार आलंद सीट जीती।
रविशंकर प्रसाद, सांसद
राहुल गांधी लगातार झूठ बोल रहे हैं और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। वे देश की लोकतांत्रिक परंपराओं से विश्वासघात कर रहे हैं। राहुल ने विपक्ष के नेता (LoP) के पद की गरिमा को भी गिरा दिया है।
18 सितंबर: राहुल ने ECI प्रमुख पर लगाए वोट चोरों की रक्षा करने के आरोप
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को ‘वोट चोरी’ पर दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इससे पहले उन्होंने 7 अगस्त को मीडिया से बात की थी। राहुल ने 31 मिनट के प्रजेंटेशन में वोट चोरी के आरोप लगाए और सबूत दिखाने का दावा किया।
उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग जानबूझकर कांग्रेस के वोटों को निशाना बना रहा है और उनके नाम डिलीट कर रहा है। राहुल इस बार अपने साथ कर्नाटक के ऐसे वोटर्स को भी लेकर आए, जिनके नाम वोटर्स लिस्ट से डिलीट किए गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने फिर कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और यूपी में यही हो रहा है।
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को गलत और निराधार बताया था। कहा था कि कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता। किसी का वोट डिलीट करने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है।
राहुल ने ‘कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा 2023 के चुनाव में किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की। इसकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है। हमें नहीं पता कि कुल कितने वोट डिलीट किए गए। इन्हें डिलीट करते समय गलती से मामला पकड़ में आ गया।
उन्होंने कहा- हुआ यूं कि वहां की एक बूथ-लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट डिलीट हो गया है। उसने जांच की तो पाया पड़ोसी ने वोट डिलीट किया था। बीएलओ ने उससे बात की। जब उसने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई वोट डिलीट नहीं किया। यानी न तो जिस व्यक्ति ने वोट डिलीट किया और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ- दोनों को इस बारे में कुछ पता था। असल में किसी और ताकत ने सिस्टम को हाईजैक करके ये वोट डिलीट किए थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 63 साल की गोदाबाई का वीडियो दिखाया गया। इसमें उन्होंने कहा- मेरा वोट डिलीट किया गया। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। गोदाबाई के नाम से फेक लॉगिन बनाया गया। 12 वोटर्स के नाम डिलीट किए गए।
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों की मदद का आरोप लाया। उन्होंने कहा- ज्ञानेश कुमार जी वोट-चोरों की रक्षा कर रहे हैं। इसके साफ सबूत हैं। इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है।
राहुल ने कहा- मैं ज्ञानेश कुमार के खिलाफ इतने सीधे आरोप क्यों लगा रहा हूं। कर्नाटक में इस मामले की जांच जारी है। कर्नाटक CID ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे। कुछ बहुत ही सरल तथ्य मांगे हैं।
पहला- हमें वह डेस्टिनेशन IP दीजिए, जिससे ये फॉर्म भरे गए। दूसरा- हमें उन डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट्स दीजिए, जिनसे ये आवेदन दाखिल किए गए। तीसरा- सबसे महत्वपूर्ण, OTP ट्रेल्स दीजिए, क्योंकि आवेदन दाखिल करने के लिए OTP लेना पड़ता है।
कर्नाटक CID ने 18 बार चुनाव आयोग से जानकारी मांगी, लेकिन ECI ने नहीं दी। ऐसा क्यों किया जा रहा है, क्योंकि इससे हमें पता चल जाएगा कि यह ऑपरेशन कहां से चल रहा है। हमें पूरी तरह यकीन है कि यह हमें उसी जगह तक ले जाएगा।
कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने जवाब दिया
कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि दिसंबर 2022 को आलंद में इलेक्शन रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) को फॉर्म 7 के 6,018 आवेदन प्राप्त हुए, जिन्हें एनवीएसपी, वीएचए और गरुड़ जैसी कई ऐप्स से ऑनलाइन जमा किया गया था। आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के लिए इतनी बड़ी संख्या में ऑनलाइन जमा किए गए आवेदनों की सत्यता पर शक हुआ, जिसके बाद हर आवेदन का सत्यापन किया गया।
उन्होंने कहा कि ईआरओ ने फरवरी 2023 में जांच के आधार पर आलंद पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराया था। मुख्य चुनाव आयोग (ECI) के निर्देश पर कर्नाटक के सीईओ ने जांच पूरी करने के लिए 6 सितंबर 2023 को कलबुर्गी जिले के पुलिस अधीक्षक को ECI के पास उपलब्ध सभी जानकारी सौंप दी है।