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Religion

9 अगस्त को है रक्षाबंधन, जान लें कब-कब है अशुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन 9 अगस्त शनिवार को है. रक्षाबंधन के अवसर पर बहन अपने भाई को शुभ मुहूर्त में राखी बांधती है और उसके सुखी जीवन की कामना करती है. भाई को मिठाई खिलाती है और उपहार देती है. भाई भी बहन को रक्षा का वचन देते हैं और उपहार देकर उन्हें खुश करते हैं. रक्षाबंधन में राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का बहुत ही महत्व है. शुभ मुहूर्त इसलिए जरूरी होता है ताकि उसमें जो आप कार्य कर रहे हैं, वह सफल, शुभ और उन्नतिदायक हो. शुभ मुहूर्त के साथ यह भी जानना जरूरी है कि कौन से समय ऐसे हैं, जो अशुभ हैं, ताकि उसमें कोई शुभ कार्य नहीं किया जाए. राहुकाल में राखी नहीं बांधते हैं. अशुभ समय में राहुकाल के अलावा भी कई समय होते हैं. आइए जानते हैं कि इस साल रक्षाबंधन पर राखी बांधन के मुहूर्त के बीच कौनकौन से अशुभ समय आ रहे हैं, जिसमें शुभ कार्य नहीं करने चाहिए.

रक्षाबंधन के अशुभ मुहूर्त

1. गुलिक काल: इस साल रक्षाबंधन पर गुलिक काल सुबह में 05 बजकर 47 मिनट से सुबह 7 बजकर 27 मिनट तक है. गुलिक काल का संबंध शनि ग्रह से है. इसकी कुल अवधि लगभग 90 मिनट या उससे कम या ज्यादा हो सकती है. इसका शुभ और अशुभ दोनों ही प्रभाव हो सकता है. यह पूर्ण रूप से न तो अशुभ है और न ही पूरी तरह से शुभ है.

2. राहुकाल: रक्षाबंधन के अवसर पर राहुकाल सुबह में 09 बजकर 07 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 47 मिनट तक है. राहुकाल के नाम से ही आप जान सकते हैं कि इस समय में पाप ग्रह राहु का प्रभाव अधिक होता है. राहुकाल में शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है

3. दुर्मुहूर्त: रक्षाबंधन पर दुर्मुहूर्त सुबह 05 बजकर 47 मिनट से सुबह 06 बजकर 40 मिनट तक है. उसके बाद सुबह 06 बजकर 40 मिनट से सुबह 07 बजकर 34 मिनट तक दुर्मुहूर्त है. दुर्मुहूर्त को अत्यंत अशुभ, विघ्नकारी और कार्य में असफलता देने वाला माना जाता है.

4. यमगण्ड: राखी वाले दिन यमगण्ड दोपहर में 02 बजकर 06 मिनट से दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक है. यमगण्ड भी राहुकाल की तरह अशुभ होता है. यमगण्ड यानि मृत्यु के देवता यमराज का भाग. यमगण्ड का संबंध मृत्यु, हानि, बाधा, भय से जुड़ा है. इस वजह से यमगण्ड के समय कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं.

5. आडल योग: रक्षाबंधन पर आडल योग दोपहर 02 बजकर 23 मिनट से 10 अगस्त को प्रात: 5 बजकर 48 मिनट तक है. आडल योग शुभ और अशुभ दोनों ही प्रकार का फल देता है. यह चंद्रमा से जुड़ा योग है. यह योग व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक पक्ष, वैवाहिक जीवन, सेहत, निर्णय क्षमता आदि पर प्रभाव डालता है.

6. वर्ज्य काल: पंचांग में वर्ज्य काल को भी अत्यंत अशुभ फल देने वाला समय माना गया है. रक्षाबंधन पर वर्ज्य काल शाम को 6 बजकर 18 मिनट से शाम 7 बजकर 52 मिनट तक है. इस समय में विवाह, यात्रा, शुभ कार्य, खरीदारी, पूजा पाठ, यज्ञ, मुंडन आदि मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.

7. बाण काल: पंचांग में बाण को भी अशुभ फलदायी माना जाता है. बाण का अर्थ हानि, संकट, विपदा से है. बाण में गृह प्रवेश, विवाह, नए व्यवसाय का शुभारंभ, कोई बड़ा फैसला, जोखिम पूर्ण काम नहीं करते हैं.

रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त

इस बार रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू हो रहा है, जो दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.

Umh News india

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