ग्लेशियर टूटने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन : जब जिंदा लौटे 47 तो, 8 भी मौत को मात देकर आएंगे वापस
देहरादूनः उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से बर्फ के नीचे फंसे 55 मजदूरों में से अब तक 47 की जान बचा ली गई है. जबकि 8 मजदूर अब भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. लगातार ऑपरेशन जारी है. यहां एनडीआरएफ समेत सेना के जवान तैनात हैं. घटना स्थल पर जायजा लेने के लिए सीएम धामी मौके पर जा पहुंचे. हवाई जहाज के जरिए दुर्घटना ग्रस्त इलाके का जायजा ले रहे हैं.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने फ़ोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली. इस दौरान प्रधानमंत्री जी ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया.
यहां बीते दिन भारी बर्फबारी के बाद आज (1 मार्च) को भारी बारिश के साथ ही बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के चमोली, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग समेत अन्य जिलों में भारी बारिश सहित बर्फबारी होने की संभावना जताई जा रही है. शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी देखने को मिली. इसी बीच बद्रीनाथ धाम में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
चमोली के बद्रीनाथ धाम में शुक्रवार सुबह लगभग 11:00 बजे ग्लेशियर टूटने की घटना प्रशासन को मिली जिसके बाद प्रशासन की टीम ने मौके पर रेस्क्यू के लिए आईटीबीपी आर्मी और बीआरओ से मदद मांगी. आइटीबीपी आर्मी की टीम सबसे पहले मौके पर पहुंची जिसके बाद ग्लेशियर के अंदर फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने की कड़ी मशक्कत की गई. दोपहर लगभग 12:00 बजे के आसपास लगभग 10 से अधिक मजदूरों को एवलांच के अंदर से बाहर निकल गया, जिनको निकट आर्मी के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है.
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान लगातार जारी है. अब तक 47 लोगों का रेस्क्यू हो चुका है, जबकि 8 लोग अभी भी लापता हैं. प्रशासन का कहना है कि पहले 57 लोगों के फंसे होने की बात सामने आई थी, लेकिन अब यह संख्या 55 बताई जा रही है. वहीं रेस्क्यू के लिए 100 से ज्यादा आर्मी, आईटीबीपी के जवान मौके पर रेस्क्यू में जुटे हैं.
चमोली के माणा में आपदा को लेकर 7.30 से रेस्क्यू अभियान जारी है. यहां से 3 गंभीर घायलों को आर्मी चिकित्सालय ज्योर्तिमठ पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाक किया जा रहा है. उधर, अन्य मजदूरों को भी निकलने की कवायद लगातार जारी है. सीएम धामी ने खुद घटना स्थल पहुंचकर जायजा लिया.
उत्तरकाशी में गंगोत्री हाइवे भारी बर्फबारी और भूस्खलन के कारण डबरानी से आगे बन्द है. बीआरओ की मशीन सुबह से बर्फ को हटाने में जुटी हुई और मार्ग को खोलने की कोशिश जारी है. भारी बर्फबारी के कारण कुछ पर्यटक भी हर्षिल में फंसे हैं, सभी मार्ग खोलने का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा चार गांव को जोड़ने वाला मोटरमार्ग भी बन्द है.
बद्रीनाथ धाम में नारायण पर्वत पर फंसे 55 मजदूर में से 33 मजदूरों को शुक्रवार रेस्क्यू कर लिया गया था. अब 8 मजदूर अभी भी इस पूरे घटना में लापता बताए जा रहे हैं, जिनका सर्च ऑपरेशन बद्रीनाथ धाम में चल रहा है, बचाए गए घायल 6 मजदूरों को प्राइवेट हेलीकॉप्टर से आर्मी हेलीपैड जोशीमठ लाया गया. जहां आर्मी के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि मजदूरों के हाथ-पैर और सिर में चोट है और कुछ मजदूरों को ऑक्सीजन लेने की दिक्कतें हो रही थी. उनको सबसे पहले एयरलिफ्ट किया गया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिम आपदा प्रभावित क्षेत्र माणा, चमोली के लिए देहरादून से प्रस्थान किया. उनके साथ गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे भी मौजूद हैं. सीएम धामी माणा में फंसे मजदूरों का हाल जानने के लिए चमोली पहुंच रहे हैं.
भारतीय सेना ने रात भर अथक प्रयासों के बाद माणा हिमस्खलन स्थल से 14 और मजदूरों को बचाया गया. जिनमें से एक की हालत गंभीर है. बचाए गए कर्मियों को चिकित्सा सहायता और आगे के उपचार के लिए माना आर्मी कैंप लाया गया है. अब भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.चमोलीः उत्तराखंड में मौसम सामान्य होने पर CM धामी खुद माणा में चल रहे सर्च ऑपरेशन का जायजा लेने पहुंचेंगे. माणा के पास चल रहे सर्च ऑपरेशन का जायजा लेंगे. घायल 33 मजदूरों का हाल-चाल जानेंगे मुख्यमंत्री. आईटीबीपी 23 बटालियन देहरादून माणा में 33 मजदूरों का इलाज चल रहा है.