बुलंदशहर के रहने वाले, कानपुर का दरोगा बोला-मेरी बीवी लुटेरी, 10 बैंक खातों में करोड़ों का ट्रांजेक्शन
कानपुर , शादी के बाद 21 जून को मैं छुट्टी पर घर आया। दिव्यांशी भी घर पर ही थी। मैंने जैसे ही उसका मोबाइल लिया तो वह बेचैन हो उठी। मैंने उससे पूछा कि जब मैं घर आता हूं तो सभी यूपीआई एप क्यों डिलीट कर देती हो…? मैंने जबरन सभी यूपीआई एप डाउनलोड कराए। एप में 10 से ज्यादा खाते और करोड़ों के ट्रांजैक्शन देखकर मैं दंग रह गया। मैंने इस बारे में पूछा तो वह झगड़ा कर मायके भाग गई।
यह कहना है कानपुर के ग्वालटोली थाने में तैनात दरोगा आदित्य कुमार लोचव का। जिनकी पत्नी ने 4 दिन पहले 14 लाख रुपए हड़पने और कई महिलाओं से अवैध संबंध होने का आरोप लगाया था। आदित्य ने बताया कि उनकी पत्नी लुटेरी दुल्हन है। दो बैंककर्मी और एक दरोगा से शादी करके उन्हें ठग चुकी है। शक होने के बाद आदित्य ने 5 महीने तक पत्नी के बारे में जांच की और सारे दस्तावेज जुटाए।
25 नवंबर को कानपुर पुलिस कमिश्नर ऑफिस में मेरठ के मवाना निवासी दिव्यांशी ने हाई वोल्टेज ड्रामा किया। उसने ग्वालटोली थाने में तैनात अपने पति दरोगा आदित्य पर परेशान करने और साढ़े 14 लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाया। कहा, दरोगा पति के कई महिलाओं से संबंध हैं। वो सोशल मीडिया पर लड़कियों को अपने चुंगल में फंसाता है। इसके बाद उनसे दोस्ती कर शारीरिक संबंध बनाता है। फोटो वीडियो निकालकर उन्हें ब्लैकमेल करता है।
दरोगा ने कहा-पत्नी दो शादी कर चुकी है दरोगा आदित्य ने कमिश्नर को बताया कि दिव्यांशी के खाते से 10 खातों में करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ था। दिव्यांशी पहले 3 शादी कर चुकी है। वर्ष 2020, में पहले पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। विवेचना के दौरान जब मजिस्ट्रेट के सामने बयान हुए तो वह पलट गई। इसी तरह से उसने बैंक के दो ब्रांच मैनेजरों को भी फंसाया था।
दरोगा की पत्नी दिव्यांशी की शिकायत और दरोगा के पक्ष रखने के बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने जांच बैठा दी है। पुलिस कमिश्नर की स्टाफ ऑफिसर अमिता सिंह इस केस की जांच कर रही हैं। एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार ने बताया कि प्राथमिक जांच में दरोगा पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। दरोगा ने दिव्यांशी चौधरी के खिलाफ एक-दो नहीं सैकड़ों साक्ष्य दिया है। इससे यह साबित होता है कि दिव्यांशी ब्लैकमेलर है।
आदित्य ने बताया कि शादी के बाद से दिव्यांशी बीएड और सीटेट की तैयारी का हवाला देकर ससुराल में नहीं रुकती थी। जब घर आती थी तो अपने मोबाइल से गूगल-पे, फोन-पे समेत अन्य यूपीआई एप डिलीट कर देती थी। मगर जब मैं ड्यूटी पर होता तो वह मुझसे ऑनलाइन रुपए मांगती थी। मुझे शंका हुई, कुछ तो गड़बड़ है।
शादी के चार महीने बाद मैं छुट्टी पर घर आया था। दिव्यांशी भी घर पर ही थी। मैंने जैसे ही उसका मोबाइल लिया तो वह बेचैन हो उठी। मैंने उससे पूछा कि जब मैं घर आता हूं तो सभी यूपीआई एप क्यों डिलीट कर देती हो…? दिव्यांशी ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर मैंने जबरन सभी यूपीआई एप डाउनलोड कराए।
एप की जांच की। ट्रांजेक्शन हिस्ट्री में 10 से ज्यादा खाते और करोड़ों का ट्रांजैक्शन देखकर मैं दंग रह गया। मैंने उससे इस बारे में पूछा तो वह झगड़ा कर मायके भाग गई।
आदित्य ने बताया कि सच जानने के लिए दिव्यांशी के घर के आसपास के लोगों से पूछताछ की। पता चला कि वह पहले से ही शादीशुदा है। पहले जिससे शादी हुई थी दिव्यांशी ने उन लोगों पर मुकदमा दर्ज करा रखा है। इसके बाद मैंने ई-कोर्ट एप पर दिव्यांशी की डिटेल डाली तो एक मुकदमा दिव्यांशी वर्सेज प्रेमराज पुष्कर का सामने आ गया।
मैंने इसके दस्तावेज निकलवाए। पता चला कि दिव्यांशी ने मेरठ के थाना पल्लवपुर में दरोगा प्रेमराज पुष्कर और उसके भाई भूपेंद्र पुष्कर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। फिर मैंने मेरठ न्यायालय से इस मुकदमे के दस्तावेज निकलवाए।
दिव्यांशी ने दरोगा प्रेम राज पुष्कर और उसके भाई भूपेंद्र पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। जब कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बयान देते समय पलट गई। उसने कहा था कि मेरा प्रेम राज पुष्कर से 3 जुलाई 2019 को प्रेम विवाह हुआ है।
हम दोनों ने प्रेम विवाह किया था, आपसी लड़ाई और लोगों के बहकावे में आकर मैंने झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी। इस पत्रावली से कोर्ट मैरिज के सर्टिफिकेट, एफआईआर की कॉपी समेत अन्य दस्तावेज मिल गए।
मुझे इसके खिलाफ मेरठ के हस्तिनापुर थाना से भी एक रेप की एफईआर मिली। इसमें दिव्यांशी ने पंजाब नेशनल बैंक, हस्तिनापुर के मैनेजर आशीष राज और मवाना मेरठ के बैंक मैनेजर अमित गुप्ता पर भी एफआईआर दर्ज कराई थी।
मुकदमे से अमित का नाम निकाल दिया गया था। इस मामले में भी दिव्यांशी कोर्ट में अपने ही बयान से पलट गई। यहां पर बैंक मैनेजर से लाखों रुपए वसूला होगा। दरोगा आदित्य कुमार लोचव ने कहा- मैंने रेप में जेल जा चुके प्रेमराज पुष्कर से बात की। पता चला कि वह दिव्यांशी के अभी भी संपर्क में है। दिव्यांशी को उसने मेरी गोपनीय जांच के बारे में बता दिया। इससे दिव्यांशी समझ गई कि अब उसकी दाल नहीं गलने वाली है।
इसके बाद दिव्यांशी अपने लाखों के जेवरात और कीमती सामान समेट कर मायके चली गई। कुछ दिन बाद वह अपने भाई के साथ बुलंदशहर स्थित पैतृक घर में रहने लगी। जब मैं वहां नहीं गया तो उसने संबंधित थाने में तहरीर दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
इसके बाद 1 करोड़ की मांग करने लगी, पूरी नहीं होने पर पूरे परिवार को जेल भिजवाने की धमकी दी। इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो 25 नवंबर को दिव्यांशी कानपुर पहुंची और पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार को मेरे खिलाफ तहरीर दी। मैंने दस्तावेज पेश किए तो वह भाग गई।
बुलंदशहर के बीबीनगर में रहने वाले आदित्य कुमार लोचव 2019 बैच के सब इंस्पेक्टर हैं। पिता ऋषिपाल किसान थे और मां राजेश देवी घरेलू महिला थीं। पिता के बाद मां का भी कैंसर से देहांत हो गया। घर में एक भाई है वो भी दिव्यांग है।