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सुल्तानपुर : टीईटी अनिवार्यता से शिक्षकों की नौकरी पर संकट

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) को अनिवार्य करने के आदेश से उत्तर प्रदेश में करीब दो लाख शिक्षक प्रभावित होंगे। इस आदेश के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने आंदोलन की घोषणा की है।

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा ने लखनऊ में जिलाध्यक्षों और मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई। उन्होंने सभी जिलाध्यक्षों को 12 सितंबर तक टीईटी, नॉन टीईटी, बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, प्रशिक्षणमुक्त, इंटर पास और उर्दू मुअल्लिम श्रेणियों का विस्तृत डाटा मांगा है।

शिक्षक संघ 16 सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा। इसके बाद चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। शिक्षकों का कहना है कि जब उनकी नियुक्ति सरकारी मानदंडों के अनुसार हुई थी, तो अब सेवा के बीच में टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता उचित नहीं है।

कुड़वार ब्लॉक में हुई बैठक में ब्लॉक अध्यक्ष निजाम खान ने शिक्षकों से संयम बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि संघ शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार है। विशेष रूप से 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों की स्थिति पर विचार किया जाएगा।

इस मौके पर उपाध्यक्ष रूप नारायण बौद्ध,सह संरक्षक हाजी फैज उल्लाह, कोषाध्यक्ष हाजी मुहम्मद मुजतबा अंसारी, संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवेंद्र पाण्डेय,सगठन मंत्री राजमणि यादव,मुईद अशरफ, कामरान,विकास मिश्र, लईक अहमद,चित्रसेन राय, जयश्री,उषा मौर्य,प्रेम लता त्रिपाठी,सारिका सिंह,मारिया सुल्ताना, इत्यादि सगठन के लोग मौजूद रहे।

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