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टॉप-सीक्रेट मिशन ‘ऑपरेशन राणा’ के तहत भारत लाया गया तहव्वुर

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2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड 64 साल के तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया। राणा का प्रत्यर्पण टॉप-सीक्रेट मिशन “ऑपरेशन राणा” के तहत हुआ।

ऑपरेशन के दौरान जब राणा को अमेरिका से फ्लाइट में भारत लाया जा रहा था, जब NIA का एक अधिकारी पूरे रास्ते उसका हाथ पकड़कर बैठा रहा। ऐसा इसलिए ताकि तहव्वुर राणा खुद को कोई नुकसान न पहुंचा सके।

राणा अभी 18 दिन की NIA कस्टडी में है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी। भारत लाए जाने के बाद उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था। जहां NIA ने उसकी कस्टडी मांगी थी।

राणा ने मुंबई 26/11 अटैक के मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।

टॉप-सीक्रेट मिशन ऑपरेशन राणा, 4 पाइंट्स

1. फ्लाइट की रियल टाइम मॉनिटरिंग

प्रत्यर्पण में राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA के सामने एक और बड़ी चुनौती थी, वह थी ऑपरेशन राणा की भनक पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुटों को न लगने देना। इस मिशन के लिए भारतीय-अमेरिकी खुफिया एजेंसियों , एयर ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट ने फ्लाइट पर रियल टाइम नजर बनाए रखी, ताकि किसी भी मूवमेंट को आसानी से ट्रैक कर सकें।

2. पालम एयरबेस पर हुआ मेडिकल

जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम 9 अप्रैल को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी। 9 अप्रैल की शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।

3. सभी सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल जमा कराए गए

दिल्ली में सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए थे। राणा को लाने से पहले सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन जमा कर लिए गए थे। जिससे कोई भी सूचना बाहर न जा सके। मीडिया से बचने के लिए, राणा को दूसरे गेट से हवाई अड्डे के बाहर लाया गया। उसे जेल वैन में ले जाया गया। बाद में राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां कैमरों और मोबाइल फोन पर बैन था।

4. देर रात 2 बजे कोर्ट ने दिया कस्टडी की फैसला

तहव्वुर राणा की दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिन की NIA की कस्टडी में भेज दिया। एजेंसी ने आतंकी हमलों को अंजाम देने में राणा की भूमिका की जांच करने के लिए कोर्ट से 20 दिन की रिमांड मांगी थी। स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और 10 अप्रैल की देर रात 2 बजे फैसला सुनाया।

NIA ने कहा- मुंबई हमले के पर्दाफाश के लिए पूछताछ जरूरी

NIA ने पटियाला हाउस कोर्ट में जब तहव्वुर राणा की कस्टडी मांगी तो कहा कि उससे पूछताछ जरूरी है। NIA ने कहा कि मुंबई हमले की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करनी होगी। आतंकी हमलों को अंजाम देने में राणा की भूमिका की भी जांच करेंगे। मुंबई हमले के दूसरे आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले तहव्वुर राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी।

मुंबई हमले में 166 आम लोग मारे गए थे

  • 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। तहव्वुर राणा इस हमले में शामिल था।
  • अक्टूबर 2009 में तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो से FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।
  • मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 2013 में आतंकी संगठन लश्कर से रिश्ते रखने और डेनिश अखबार पर हमले की साजिश के आरोप में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

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