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Politics

 तेजस्वी का CM चेहरा नापसंद, पढ़ें रुझानों के 5 संकेत

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वोटों की गिनती जारी है. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अब तक 121 सीटों के रुझान आए हैं. खबर लिखे जाने तक चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक एनडीए की तरफ से जेडीयू 71, बीजेपी 69, एलजेपी (आर) 17 और हम 4 सीटों पर आगे है. महागठबंधन खेमे में आरजेडी 43, कांग्रेस 9, सीपीआई (एमएल) 5 और वीआईपी एक सीट पर आगे चल रही है.

बिहार चुनाव में अब तक हुई वोटों की गिनती को देखकर पांच महत्वपूर्ण बातें समझने की जरूरत है.

1. नीतीश-मोदी की जोड़ी पर भरोसा कायम

बिहार चुनाव को लेकर अबतक आए रुझानों से एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के चेहरे पर बिहार की जनता का भरोसा कायम है. रुझानों में साफ तौर से दिख रहा है कि 20 साल सरकार चलाने के बाद भी नीतीश कुमार से बिहार की जनता में कोई नाराजगी नहीं है. इसी का नतीजा है कि रुझानों में नीतीश कुमार की पार्टी ना केवल जेडीयू बल्कि एनडीए के तमाम घटक दलों के प्रत्याशी बढ़त बनाए दिख रहे हैं.

2. बिहार ने तेजस्वी को CM फेस के तौर पर नकारा
बिहार विधानसभा चुनाव में अब तक आए रुझानों में यह बात स्पष्ट तौर से झलक रहा है कि बिहार के ज्यादातर लोगों ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकारने से इनकार कर दिया है. महागठबंधन ने सबसे पहले तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया था. इसके लिए बकायदा महागठबंधन के घटक दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी. बैनर और पोस्टरों में महागठबंधन के दूसरे नेताओं को हटाकर केवल तेजस्वी यादव की तस्वीर लगाई गई थी. महागठबंधन के पूरे चुनाव प्रचार अभियान को देखें तो हर जगह तेजस्वी ही तेजस्वी नजर आ रहे थे. इतना ज्यादा प्रोजेक्शन के बाद भी रुझानों में महागठबंधन को पिछड़ना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि बिहार की जनता को तेजस्वी यादव का चेहरा पसंद नहीं है.

3. बिहार में नहीं चला राहुल गांधी का वोट चोरी का मुद्दा
बिहार चुनाव के अब तक रुझानों में यह भी साफ हो गया है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का वोट चोरी का मुद्दा पूरी तरह फेल रहा है. राहुल गांधी ने वोट चोरी के मुद्दे को लेकर पूरे बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी. इस यात्रा में तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश सहनी समेत तमाम महागठबंधन के नेता एकजुटता दिखाने की कोशिश की थी. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक अब तक के रुझानों में कांग्रेस केवल 11 सीटों पर आगे चल रही है. इसके अलावा पूरा महागठबंधन भी NDA के मुकाबले काफी पीछे है.

4. जनसुराज को बिहार ने पूरी तरह से नकारा

बिहार चुनाव में अबतक हुई वोटों की गिनती से ये भी संकेत मिल चुके हैं कि प्रशांत किशोर की जनसुराज को लोगों ने पूरी तरह से नकार दिया है. प्रशांत किशोर जहां प्रचंड बहुमत मिलने का दावा कर रहे थे, लेकिन रुझानों में उनका खाता तक नहीं खुलता दिख रहा है. सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े दावे करने वाली जनसुराज पूरी तरह से फुस्स साबित होती दिख रही है.

5. महिला और EBC का भरोसा एनडीए पर कायम

बिहार चुनावों में इस बार हुई बंपर वोटिंग के बाद महागठबंधन दावा कर रहा था कि ये उनके पक्ष में जाएगा. खासकर बूथों पर महिलाओं की भारी भीड़ को लेकर कई तरह की बातें की जा रही थी. अब तक रुझानों से यह भी साफ हो चुका है कि महिलाओं की भीड़ एनडीए के पक्ष में ही रही है. वहीं मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी बनाए जाने का भी महागठबंधन को खास फायदा होता नहीं दिख रहा है. मुकेश सहनी दावा कर रहे थे कि उन्हें उपमुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाए जाने से महागठबंधन को ईबीसी वोटों को बड़ा चंक मिलेगा, लेकिन रुझानों में ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

Umh News india

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