बच्ची के पेट में छूटा धागा, अस्पताल बंद, जांच में डॉक्टर दोषी
प्रयागराज के शांतिपुरम की रहने वाली 9 वर्षीय आराध्या पांडेय की अपेंडिक्स के ऑपरेशन में लापरवाही हुई थी। ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में धागे व कुछ ऊतक छूट गए थे। इससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। इसकी पुष्टि जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुई है। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके तिवारी ने संबंधित जेपी मेमोरियल अस्पताल का पंजीकरण निलंबित कर दिया है।
दरअसल, आराध्या ने इसकी शिकायत खुद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से की थी। उनके निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया था। प्रयागराज के शिरीष चंद्र पांडेय की 9 साल की बेटी आराध्या पांडेय है। उसके पेट में नीचे दाहिनी तरफ दर्द और बुखार था। इसके बाद परिजन उसे अपने परिचित डॉ. विजय मिश्रा की सलाह पर 30 अगस्त को ट्रैफिक चौराहे पर स्थित जेपी मेमोरियल हास्पिटल में ले गए।
वहां पर उपस्थित डॉक्टर ने देखा और अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, ब्लड टेस्ट की सलाह दी। जांच में पता चला कि आराध्या को अपेंडिसाइटिस एवं पेट में संक्रमण पाया गया। इसके बाद ऑपरेशन की सलाह दी गई।
30 अगस्त को शाम 7 बजे निश्चेतक डॉ. ओपी वर्मा एवं सर्जन डॉ. केपी सिंह द्वारा स्पाइनल एनेस्थिसिया देकर लैप्रोटॉमी करके अपेंडिक्स को निकाल दिया गया। लेकिन धागा और कुछ टिस्यू के पेट में ही छूट गया था। 2 सितंबर को आराध्या को डिस्चार्ज कर दिया गया। पिता शिरीष चंद्र पांडेय ने जांच कमेटी को बताया कि डिस्चार्ज के बाद बेटी को घर लेकर चले गए। 6 सितंबर को आराध्या के पेट से सूचर लाइन से मवाद निकलने लगा। उसे दर्द भी होना शुरू हो गया। इसके बाद वह सीधे ऊषा हास्पिटल में सर्जन डॉ. शरद कुमार साहू को दिखाया। उन्होंने पुन: लेप्रोटॉमी की जिसमें धागे के साथ कुछ मृत ऊतक पाए गए, जिसकी वजह से उसके पेट में संक्रमण फैल गया था। प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक 5 अक्टूबर को प्रयागराज में आए थे। वह यहां पर स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे। इसी बीच आराध्या अपने पापा की गोद में बैठकर हाथ जोड़े डिप्टी सीएम के सामने पहुंच गई थी।


 
							 
							