फतेहपुर में अवैध रूप से काटे जा रहें वाहन, प्रशासन मौन
फतेहपुर। (मनीष तिवारी), जनपद व पड़ोसी जनपदों में वाहन चोरी की वारदात दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में पुलिस के लिए आए दिन होती वाहन चोरियों को रोक पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। पूरे जिले में आए दिन शातिर वाहन चोर किसी ना किसी गाड़ी को अपना निशाना बना लेते है,और वाहन चोरी की इन वारदातों के बाद खोए हुए वाहन दोबारा मिल पाना आसान नही होता, हाल ही में चोरी हुए वाहनो की बरामदगी की संख्या ना के बराबर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर चोरी होने के बाद वाहन जाते कहाँ है,और पुलिस के खुफिया संचार तंत्र से आखिर बच कैसे जाती है ? क्यों चोरी हुए वाहनों का रिकवरी रेट ना के बराबर रहती है ? आपको बता दें कि चोरी के वाहनों को ठिकाने लगाने का पूरा गिरोह इन दिनों जिले में पुनः सक्रिय हो चल है, और ये कोई आज का गिरोह नहीं है, बल्कि कई सालों से बदस्तूर सिस्टम को साधकर चलाया जा रहा था जो कि अब पुनः सक्रिय हो चुका है। शहर के नऊवाबाग और लखनऊ बाईपास के साथ ही कबाड़ी की दुकानों में चोरी के वाहनों को चंद्र मिनटों में खोलकर उनके पार्ट्स को ठिकाने लगा दिया जाता है, बड़ा सवाल है कि ऐसे में पुलिस इस सक्रिय गिरोह पर शिकंजा क्यों नही कस पाती है? हाल ही मे तीन दिन पहले एक छोटे कद के कबाड़ी पर चोरी के वाहन के कटवाने का आरोप लगा था और उसके गोदाम में मारुति 800 खड़ी होने की फ़ोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई थी इस मारुति 800 को चोरी का बताया जा रहा था हालांकि पुलिस इस मामले की अंदर खाने जांच में जुटी है पर अब देखने वाली बात ये होगी कि पुलिस कब इन पर शिंकजा कसने पर कामयाब होगी?