नागपुर हिंसा में फहीम खान का क्या रोल, पुलिस क्यों बता रही मास्टरमाइंड?
नागपुर में दो दिन पहले हुई हिंसा के बाद अब शहर में तनावपूर्ण शांति है. इस हिंसा में शामिल होने के आरोप में नागपुर पुलिस ने करीब 50 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. पुलिस ने इस पूरी हिंसा के पीछे फहीम शमीम खान को मास्टमाइंड बताया है. पुलिस ने इस मामले में 4 एफआईआर दर्ज की है, जिसमें पूरी कहानी बयान की गई है.
फहीम खान नागपुर में मुस्लिम का स्थानीय नेता और माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) का अध्यक्ष है. वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ चुका है, जिसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी. नागपुर में हिंसा में उसका क्या रोल है और पुलिस क्यों उसे मास्टरमाइंड बता रही है. इस मामले में FIR पर नजर डालने पर यह सबकुछ साफ हो जाता है.
नागपुर हिंसा में फहीम का क्या रोल?
FIR के मुताबिक, छत्रपति शिवाजी महाराज की तिथि अनुसार जयंती के मौके पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने गांधी गेट के पास छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के सामने औरंगज़ेब की कब्र के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और औरंगज़ेब का प्रतीकात्मक पुतले को फूंका. इसके खिलाफ माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम खान शमीम खान की अध्यक्षता में 50 से 60 लोगों ने अवैध रूप से पुलिस स्टेशन पर भीड़ इकट्ठा की. इन लोगों के लिखित निवेदन पर औरंगजेब के विरोध करने वाले 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
पुलिस के खिलाफ लोगों को भड़काया
पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि ‘वे लोग एक-दूसरे को दंगा करने के लिए उकसाने वाले नारे लगाने लगे और ‘अब पुलिस दिखाई दे रही है. हमें इन्हें और किसी भी हिंदू को छोड़ना नहीं है. इन्होंने ही सारा खेल किया है. इन्होंने ही ये सब किया है.’ ऐसी झूठी अफवाह फैलाकर पुलिस के प्रति नाराजगी की भावना फैलाई. इसलिए उक्त भीड़ और उग्र हो गई. इस भीड़ ने कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठियां और अन्य खतरनाक हथियारों के साथ क्षेत्र में आतंक पैदा करने के इरादे से घातक हथियारों को हवा में लहराया और लोगों में भय पैदा किया और धार्मिक दुश्मनी बढ़ाने के इरादे से सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने का काम किया.
महिला पुलिस से छेड़छाड़
पुलिस एफआईआर में कहा गया, ‘भीड़ के सदस्यों ने जान से मारने की नियत से भालदारपुरा चौक इलाके में पुलिस पर घातक हथियार, पत्थर से हमला किया. उन्होंने पुलिसकर्मियों को उनके सरकारी कर्तव्यों से हतोत्साहित करने के लिए पेट्रोल बम तैयार किए और उन पर फेंके. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को यह कहते हुए रोक दिया, ‘तुम हिंदू समाज के पुलिस हो और तुमने जानबूझकर हमारे धर्म की चादर जलाने में मदद की’. ऐसी झूठी अफवाहें फैलाकर और भद्दी-भद्दी गालियां देकर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को विभिन्न स्थानों पर हथकंडों, पत्थरों, खतरनाक हथियारों से पीट-पीटकर और अपनी तथा दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालकर उन्हें घायल कर दिया गया है.’
इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि उपद्रवियों में से कुछ ने अंधेरे का फायदा उठाकर आरसीपी दस्ते की एक महिला कांस्टेबल को अश्लील हरकत करने के इरादे से उनकी वर्दी और शरीर को छुआ. उन्होंने अन्य महिलाओं के साथ भी यौन दुर्व्यवहार किया और उनका यौन उत्पीड़न किया. कुछ महिला कर्मचारियों को देखकर उन्होंने अश्लील इशारे किए और भद्दे कमेंट किए.