कौन-सी राशियों पर शनि की मार? जानिए साढ़ेसाती-ढैय्या से राहत के अचूक उपाय
शनि का नाम सुनते ही कई लोग डरने लगते हैं. कई बार ऐसा लगता है कि अचानक परेशानियां बढ़ गई हैं, मेहनत का फल नहीं मिल रहा और जीवन में अड़चनें बढ़ रही हैं. दरअसल, यह असर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का हो सकता है. लेकिन क्या ये वाकई इतनी बुरी होती हैं? आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं
शनि ग्रह बहुत धीमे चलते हैं. करीब ढाई साल में एक राशि से दूसरी में जाते हैं. जब ये किसी खास जगह गोचर करते हैं, तो कुछ राशियों पर साढ़ेसाती या ढैय्या शुरू हो जाती है. वहीं, किसी की यह अवधि खत्म भी हो जाती है.
जब शनि, किसी व्यक्ति की जन्म राशि से बारहवें, पहले और दूसरे भाव में आते हैं, तो उस व्यक्ति की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है. यह कुल साढ़े सात साल तक चलती है, इसलिए इसे साढ़ेसाती कहा जाता है.
जब शनि का गोचर जन्म राशि से चौथे या आठवें भाव में होता है, तो उसे ढैय्या कहते हैं. यह करीब ढाई साल चलती है. इसे ‘लघु कल्याणी’ या ‘कंटकी’ भी कहा जाता है.
इस दौरान व्यक्ति को नौकरी, व्यापार, स्वास्थ्य और रिश्तों में दिक्कतें आती हैं. कई बार कोर्ट-कचहरी के मामले, बदनामी या मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है. कुछ लोगों के लिए यह समय आत्ममंथन और बदलाव का मौका भी बनता है.
अगर शनि की दशा सही नहीं चल रही है, तो सबसे असरदार उपाय हनुमान जी की उपासना मानी जाती है. शनि देव खुद कहते हैं कि वे हनुमान जी के भक्तों को कष्ट नहीं देते.
करें ये उपाय
-हर मंगलवार सूर्योदय के समय “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का 105 बार जाप करें.
-लाल धागे में सिद्ध श्री हनुमान यंत्र धारण करें.
-लगातार 10 मंगलवार हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं.
-हनुमान चालीसा का पाठ और चोला चढ़ाना बहुत लाभ देता है.
-चमेली का तेल और सिंदूर भी हनुमान जी को अर्पित करें.
इस समय कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर साढ़ेसाती चल रही है. धनु राशि पर चौथे भाव की ढैय्या और सिंह राशि पर आठवें भाव की ढैय्या चल रही है.