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कोतमा महाविद्यालय में मनाई गई आदि गुरु शंकराचार्य जयंती

कोतमा। शासकीय महाराजा मार्तण्ड महाविद्यालय कोतमा मे जन अभियान परिषद के तत्वाधान में आदि गुरु शकराचार्य जयंती के अवसर पर ब्याख्यामाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महाविद्यालय कोतमा में इस अवसर पर महाविद्यालय के जन भागीदारी समिति अध्यक्ष हनुमान गर्ग , महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य डॉ अनीता तिवारी, जन अभियान परिषद के विकासखंड समन्यवक सरिमन साकेत, म. प्र. जन अभियान परिषद कोतमा परामर्शदाता मो. नजीर खान जी श्रीमती पार्वती वर्मा, श्रीमती सरिता त्रिपाठी, श्रीमती रश्मि रैकवार, प्रश्नफूटन समिति के सदस्य सीएमसीएल डीपी के स्टूडेंट उपस्थित रहे। श्री साकेत द्वारा आदि गुरु शांकराचार्य की व्याख्यामाला पखवाड़ा एवं कार्यक्रम में परिचय उद्बोधन किया गया। प्रभारी प्राचार्य ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बताए गए, ब्रह्म सत्यं जगतमिथ्या,अहं ब्रम्हास्मि, ज्ञान ही मोक्ष का मार्ग,मन ही बन्धन और मुक्ति का कारण, अपने कर्तव्यों का पालन ही धर्म,शरीर नश्वर एवं आत्मा अमर है, वैराग्य ही सच्चे ज्ञान की पहली सीढ़ी, ईश्वर को अपने अंदर ही खोजने, आत्मा को जान लेना ही सब कुछ जान लेना तथा मौन को एक प्रकार की पूजा जैसी बातों को चरितार्थ कर भारतीय दर्शन के महान दार्शनिक एवं सनातन धर्म के प्रमुख वेत्ता स्वामी शंकराचार्य के बताए हुए मार्ग पर चलने की बात कही गई। वहीं हनुमान गर्ग के द्वारा आदि शंकराचार्य की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके आचरण पर चलने हेतु संदेश दिया , वहीं उक्त कार्यक्रम के आदि तथा उनके मुख्य कथन ब्रम्ह सत्यं जगतमिथ्या को विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा हिन्दुओं की एकता को बनाए रखने एवं उसे मजबूत करने हेतु उनके द्वारा भारत भूमि पर चारो दिशाओं में ज्योतिर्मठ,श्रेंगेरीमठ शारदा मठ तथा गोवर्धन मठ की स्थापना पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन मीनू तिवारी के द्वारा किया गया अंत मे पार्वती वर्मा के द्वारा आये हुए अतिथियों का आभार एवं जल गंगा सम्बर्धन अभियान का शपथ कराया गया।

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