बरसाना के बाद नंदगांव में खेली गई लट्ठमार होली:लाखों भक्त हुए रंगों में सराबोर
बरसाना में लड्डू होली और लट्ठमार होली के बाद बारी आई भगवान कृष्ण के पिता नंदबाबा की नगरी नंदगांव की। मंगलवार को यहां बरसाना से आए हुरियारों पर नंदगांव की हुरियारिनों ने जमकर लाठियां बरसाई। हंसी ठिठोली, अबीर गुलाल के बीच खेली गई लट्ठमार होली का देश-विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने जमकर आनंद उठाया।
फगुआ लेने गए हुरियारे
बरसाना में हुई लट्ठमार होली के बाद अगले दिन फगुआ लेने हुरियारे नंदगांव गए। मंगलवार को नंदगांव पहुंचे बरसाना के हुरियारों का यशोदा कुंड पर स्वागत किया गया। यहां हुरियारों ने पाग बांधी और ढाल लेकर निकल पड़े नंदलाल यानी भगवान कृष्ण के दर्शन करने नंद भवन को। नंद भवन पहुंच कर हुरियारों ने भगवान श्री कृष्ण और बलराम के दर्शन किए।
नंद भवन पहुंचे बरसाना के हुरियारों ने होली के गीत गाए। हुरियारों ने गीत गाया…दर्शन दे नेक निकस अटा तै, दर्शन दे नंद दुलारे, कहां छुपा रखो यशोदा माय। इसके बाद हुरियारों ने भगवान कृष्ण, उनके भाई बलराम जी और पूरे परिवार के दर्शन किए।
बरसाना से हुरियारों के नंदबाबा के भवन नंद भवन पहुंचने पर जमकर रंग और अबीर-गुलाल उड़ाया गया। यहां टेसू के फूलों से बने प्राकृतिक रंग से हुरियारों को सराबोर किया गया तो अबीर गुलाल से पूरा मंदिर भर गया। इस दौरान देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया और होली का आनंद लिया।
जिस तरह नंदगांव से बरसाना पहुंचे हुरियारे भगवान कृष्ण के स्वरूप ध्वजा लेकर पहुंचे थे, उसी तरह बरसाना के हुरियारे राधा रानी की स्वरूप में झंडी लेकर नंदगांव पहुंचे। वह पहले झंडी को लेकर मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने झंडी को भगवान कृष्ण के सामने रखा और फगुआ लिया।
नंदगांव स्थित नंद भवन के गर्भ गृह में अपने पूरे परिवार के साथ भगवान कृष्ण और बलराम दर्शन देते हैं। लेकिन, होली पर दोनों भाई गर्भ गृह से निकल कर मंदिर परिसर यानी आंगन में आते हैं। मंगलवार को भी भगवान ने आंगन में चांदी के सिंहासन पर दर्शन दिए। यहां भगवान कृष्ण और उनके भाई बलराम के साथ भक्तों ने होली खेली।